सुनंदा पुष्कर मौत मामला : थरुर से चार घंटे तक हुई पूछताछ

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने एक साल पहले हुई सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय मौत से जुडी परिस्थितियों और पत्रकार मेहर तरार से उनके टकराव को लेकर शशि थरुर से सोमवार रात करीब चार घंटे तक गहन पूछताछ की. थरुर से पूछताछ रात करीब आठ बजे शुरू हुई जो करीब मध्यरात्रि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2015 6:08 AM
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नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने एक साल पहले हुई सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय मौत से जुडी परिस्थितियों और पत्रकार मेहर तरार से उनके टकराव को लेकर शशि थरुर से सोमवार रात करीब चार घंटे तक गहन पूछताछ की. थरुर से पूछताछ रात करीब आठ बजे शुरू हुई जो करीब मध्यरात्रि तक चली. वह मीडिया के सवालों का जवाब दिये बगैर अपने वाहन में बैठकर चले गये. पुलिस ने भी पूछताछ के बारे में कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया.

पुलिस सूत्रों ने कहा कि यह पूछताछ का पहला दौर है और थरुर को फिर बुलाया जा सकता है. हालांकि सूत्रों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री से सुनंदा के शरीर पर चोट के 15 निशानों के बारे में पूछा गया, खासकर चोट संख्या 10 के बारे में जो एक इंजेक्शन का निशान था क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके शरीर में मौजूद जहर या तो मुंह के जरिए दिया गया या इंजेक्शन से. उनसे 15 जनवरी को तिरुवनंतपुरम से दिल्ली की फ्लाइट में दंपति के बीच हुए झगडे के कारण के बारे में भी पूछा गया जिसके बाद सुनंदा उन्हें हवाई अड्डे पर छोडकर लीला होटल में आ गई थीं.

थरुर से पूछा गया कि क्या सुनंदा किसी बीमारी से पीडित थीं और वह किस तरह की दवाएं ले रही थीं. उनसे होटल के कमरे में मिले एल्प्रैक्स दवा के खाली पत्ते के बारे में पूछा गया कि इसका सेवन कौन करता था क्योंकि विसरा परीक्षणों में इसके सबूत नहीं मिले हैं. उदास दिख रहे थरुर से पूछा गया कि क्या सुनंदा ल्यूपस (त्वचा विकार का एक प्रकार) से पीडित थीं जैसी कि अटकलें हैं. सुनंदा की मृत्यु जहर से होने की बात कहने वाली एक मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इस प्रकरण में करीब तीन हफ्ते पहले हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

यह पहली बार है जब थरुर से 52 वर्षीय सुनंदा की मृत्यु के मामले में पुलिस द्वारा पूछताछ की गयी. इससे पहले उनसे एसडीएम ने पूछताछ की थी. सुनंदा पिछले साल 17 जनवरी को राजधानी के एक होटल में मृत मिली थीं. पांच सदस्यीय विशेष जांच दल में डीसीपी (दक्षिण) प्रेमनाथ, अतिरिक्त डीसीपी पीएस कुशवाह तथा तीन अन्य अधिकारी शामिल हैं. नीली शर्ट और काली जैकेट पहनकर आए थरुर रात करीब आठ बजे दक्षिण दिल्ली में वाहन चोरी निरोधक दस्ता (एएटीएस) के दफ्तर पहुंचे.

एसआईटी ने उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया था. एसआईटी के अस्थाई दफ्तर रवाना होने से पहले कांग्रेस सांसद ने यहां लोधी इस्टेट स्थित अपने आवास पर अपने वकीलों के साथ बातचीत की. सूत्रों ने कहा कि थरुर एसआईटी के सवालों के दौरान कई बार भावुक हो गये. पूर्व केंद्रीय मंत्री से उस एक अन्य महिला के बारे में भी पूछा गया जिसका नाम उनके घरेलू सहायक नारायण ने दंपति के बीच बार बार झगडे के लिए लिया है.

थरुर से यह भी पूछा गया कि उन्‍होंने अंतिम बार सुनंदा को जीवित कब देखा और 17 जनवरी की रात को क्या क्या हुआ जब उन्‍होंने पहली बार उन्‍हें होटल में मृत देखा. उनसे सुनंदा के साथ तनाव के कारण भी पूछे गये. उनसे उनकी दुबई यात्रा और वहां मेहर तरार से उनकी कथित मुलाकात के बारे में भी सवाल किये गये. सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान कई बार थरुर भावुक हो गये लेकिन जल्द ही उन्होंने खुद को संभाला.

उनसे पूछा गया कि क्या 16 और 17 जनवरी की दरमियानी रात को उनका सुनंदा से कोई विवाद हुआ जिसके कारण सुनंदा के शरीर पर चोट के निशान आए तथा कमरे में कांच टूटे मिले. उनसे कहा गया कि वे होटल में जिन लोगों से मिले उनके बारे में बताएं. थरुर से सवाल किया गया कि जब उन्‍होंने पाया कि उन्‍हें कुछ हो गया है तो उन्होंने उन्हें पास के अस्पताल में ले जाने के बजाय होटल के कमरे में डाक्टरों को क्यों बुलाया.

सूत्रों ने कहा कि पुलिस आज के उनके जवाबों को पिछले साल एसडीएम को दिये जवाबों से मिलाकर देखगी कि कोई जवाबों में कोई अंतर तो नहीं है. सुनंदा पिछले साल 17 जनवरी को लीला पैलेस होटल के अपने सुइट में मृत मिली थीं. एक दिन पहले ही थरुर के कथित संबंधों को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से ट्विटर पर उनकी तकरार हुई थी. इस मामले में अब तक थरुर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, उनके पारिवारिक मित्र संजय दीवान, सुनंदा को मृत घोषित करने वाले डॉक्टर और होटल के प्रबंधक समेत इसके स्टाफ से पूछताछ की गयी है.

सूत्रों ने कहा कि पुलिस एक दो दिन में एक महिला पत्रकार से भी पूछताछ करेगी जिनके साथ सुनंदा ने अपनी मृत्यु से पहले बातचीत की थी. थरुर के निजी सचिव अभिनव कुमार से भी पूछताछ की जाएगी जिन्होंने सरोजिनी नगर थाने के तत्कालीन प्रभारी को मौत की जानकारी दी थी.

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