आपको बता दें यह मामला वर्ष 2005 का है जब बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा के तालाबीरा द्वितीय और तृतीय में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे. उस वक्त कोयला मंत्रालय का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री के पास था. दिसंबर में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और जांच की जरूरत पर बल देते हुए तत्कालीन प्रधामंत्री का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया था.
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