अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने की दलाई लामा से मुलाकात

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा से यहां मुलाकात की तथा कहा कि यह एक सपने का साकार होना है. केजरीवाल और सिसोदिया ने दिल्ली में दलाई लामा से मुलाकात की और उनकी बैठक आधे घंटे चली. उन्होंने कहा कि वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2015 11:56 PM
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नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा से यहां मुलाकात की तथा कहा कि यह एक सपने का साकार होना है. केजरीवाल और सिसोदिया ने दिल्ली में दलाई लामा से मुलाकात की और उनकी बैठक आधे घंटे चली. उन्होंने कहा कि वह सबसे महान मानवतावादी हैं. उन्होंने बताया कि बैठक सपने का साकार होना और आशीर्वाद है.

दिल्ली सरकार की एक विज्ञप्ति के मुताबिक आध्यात्मिक नेता ने यहां विधानसभा चुनाव में मिली जबरदस्त जीत को लेकर केजरीवाल को शुभकामना और आशीर्वाद दिया तथा भ्रष्टाचार पर आप सरकार के रुख की सराहना की. दलाई लामा के हवाले से विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मैं भ्रष्टाचार पर आपके रुख की बहुत सराहना करता हूं, यह एक तरह की हिंसा है और इसे अवश्य ही दूर करना चाहिए.’ केजरीवाल ने उन्हें बताया कि लोग प्रणाली से निराश हैं और भ्रष्टाचार को दूर करना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया, ‘उन्होंने हमें एक विकल्प देखा और हमें एक बहुत शानदार जनादेश दिया. हम लोगों से भ्रष्टाचार को जड से उखाड फेंकने में मदद की अपील करते हैं. हम प्रणाली में मौजूद भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं.’ बयान में कहा गया है कि शांति, सामाजिक ताना बाना और सामाजिक बुराइयों पर भी बैठक के दौरान चर्चा हुई. इसमें कहा गया है कि आध्यात्मिक नेता ने भारत के संबंधों की चर्चा की और कहा कि वह एक भारतीय हैं, जिसपर सिसोदिया ने जवाब दिया, ‘और प्रत्येक भारतीय आपसे प्यार करता है.’

उन्होंने कहा कि भारत को शेष दुनिया में धार्मिक सौहार्द्र में नेतृत्व करना चाहिए. दलाई लामा ने कहा कि वह दुनिया के कई हिस्सों में हिंसा और आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं तथा इन समस्याओं का हल सिर्फ शांतिपूर्ण तरीके से ही हो सकता है. केजरीवाल ने सामाजिक बुराइयों पर कहा, ‘कानून की नजर में सभी बराबर हैं लेकिन वास्तविकता में जाति व्यवस्था जैसी सामाजिक बुराई मौजूद है, इसे खत्म करने के लिए अवश्य ही एक सामाजिक बदलाव होना चाहिए.’

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