जबलपुर : चर्च पर हमलों का मामला राष्ट्रीय स्तर पर बना हुआ है. बंगाल के नदिया जिले में एक कॉन्वेंट स्कूल में लूटपाट की घटना करने के बाद अपराधियों ने नन के साथ दुष्कर्म किया. इस मामले के अलावा देश के कई राज्यों से ऐसी खबरें आई. जबलपुर में भी चर्च पर हमला किया. इस मामले में आज पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने एक चर्च और एक अन्य धार्मिक परिसर में तोडफोड करने के मामले में कथित रुप से शामिल छह व्यक्तियों को आज तडके पकडा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ईशा पंत ने आज बताया कि पुलिस ने एक कैथोलिक स्कूल और धार्मिक परिसर में तोडफोड करने के आरोप में छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है.
उन्होने बताया कि पकडे गये व्यक्तियों की पहचान धर्म सेना के नेता योगेश अग्रवाल एवं उनके सहयोगी नितिन रजक, प्रतीक प्यासी, अनुराग चौकसे, अभिषेक चौकसे तथा शरद राव के रुप में हुई है. इन सभी के खिलाफ भादंवि की धारा अन्य धाराओं सहित 147, 148, 149, 294, 323, 427 एवं 506बी के तहत कार्रवाई की गई है. पुलिस अधीक्षक एस.सी.मिश्र ने बताया कि बाद में इन सभी को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
यह घटना 20 मार्च तथा 21 मार्च की सुबह उस समय हुई जब धर्मान्तरण का आरोप लगाते हुए कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने यहां एक चर्च परिसर सहित एक अन्य धार्मिक परिसर में घुसकर मारपीट कर परिसर में तोडफोड की, जिसमें एक आवासीय कैथोलिक स्कूल एवं मदर मैरी की प्रतिमा वाली खोह है. आरोपियों ने फादर थंकाचन जोस को उन्हें सौंपने की मांग करते हुए उनके निवास पर रखे मिट्टी के बर्तन और खिडकियों के कांच तोड दिए थे. उनका आरोप था कि फादर जोस हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करा रहे हैं. हमलावरों का शिकार हुए एक प्रत्यक्षदर्शी रवि फ्रांसिस ने बताया कि धर्मसेना एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता बडी संख्या में 20 मार्च को यहां सेंट थॉमस स्कूल परिसर में घुस आए, जहां एक समारोह के अयोजन के लिए ईसाई समाज के प्रतिनिधि आए हुए थे.
उन्होंने कहा कि हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि यहां धर्मान्तरण किया जा रहा है. जिस समय फादर थंकाचन जोस पुलिस अधिकारी एवं इन संगठनों के नेता आपस में चर्चा कर रहे थे तभी संघ परिवार से संबंधित कुछ कथित कार्यकर्ता वहां पहुंचे और उन्होने गाली-गलौच शुरू कर दी. फ्रांसिस ने कहा कि स्कूल परिसर से पुलिस ने इन उपद्रवियों का पीछा कर खदेड दिया जिसके बाद उपद्रवियों की भीड निकट स्थित 140 साल पुराने सेंट पीटर एवं पॉल कैथेड्रल पहुंच गए, जहां तीन दिवसीय सम्मेलन का आगाज होना था. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कैथेड्रल परिसर में ‘जय श्रीराम’ जैसे नारे लगाते हुए हंगामा मचाया तथा फादर थंकाचन जोस को सौंपने की मांग की. जब उन्हें फादर जोस नहीं मिले तो उन लोगों ने वहीं निकट स्थित फादर के निवास की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरु कर दिया.
फ्रांसिस ने बताया कि उपद्रवियों ने वहां मौजूद कुछ लोगों से मारपीट शुरु कर दी और जब उनकी पकड में उसका मित्र सावियो रेड्डी आया तो वह बीच-बचाव के लिए गया और खुद उसके साथ भी मारपीट की गई. उन्होंने बताया कि रेड्डी के सिर एवं रीढ की हड्डी में चोट आई है. ये उपद्रवी 20 मार्च की रात लगभग 9 बजे कैथेड्रल परिसर पहुंचे थे और उनके आतंक की वजह से हमने खुद को 21 मार्च की सुबह चार बजे तक वहां कैद रखा। इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया. उधर फादर थंकाचन जोस ने ‘भाषा’ से कहा ‘‘ये लोग मेरी तलाश में थे और उन्होंने मुङो सेंट थॉमस स्कूल में धकेल दिया था. हालाकि हमारा संविधान हमें धर्म की स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन इसका खुला उल्लंघन हुआ है’’. उन्होने कहा ‘‘यह बडा दुर्भाग्यपूर्ण था. हमने पुलिस को इस घटना की सीसीटीवी फुटेज मुहैया करायी है’’.
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