शिवसेना ने ”आप” पर कसा तंज कहा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत और योगेंद्र का निष्कासन ‘‘डराने वाला’’

मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है. सामना में लिखा गया है कि राजनीति के हमाम में सब नंगे हैं, आप ने भी कपड़े उतार दिए हैं. आप नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासन को ‘‘डरावना’’ करार देते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2015 12:52 PM
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मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है. सामना में लिखा गया है कि राजनीति के हमाम में सब नंगे हैं, आप ने भी कपड़े उतार दिए हैं. आप नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासन को ‘‘डरावना’’ करार देते हुए शिवसेना ने आज कहा कि कुछ मामलों में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का विरोध करना दोनों को भारी पड गया.

‘आप’ और अन्य दलों में क्या फर्क है ?

केजरीवाल की आलोचना करते हुए शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि आपातकाल के बाद जनता पार्टी भी इंदिरा गांधी को हराने के उपरांत सत्ता में आयी थी लेकिन कई छोटे छोटे राजनीतिक दलों का यह समूह बाद में बिखर गया. इसमें सवाल किया गया है, ‘‘ आप और अन्य दलों में क्या फर्क है ? जिस प्रकार से भूषण और यादव को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला गया वह डरावना है. उनका अपराध केवल यही था कि उन्होंने केजरीवाल का विरोध किया.’’ दैनिक में लिखा गया है कि दोनों ने पूरे मन से केजरीवाल का समर्थन किया था। भूषण ने कई गलत कामों का पर्दाफाश किया तो वहीं यादव अपनी राजनीतिक पकड को लेकर प्रसिद्ध थे.

जनता पार्टी की राह पर ‘आप’

जनता पार्टी से आप की समानता करते हुए सामना में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि नियति आप को उसी पार्टी के अंत की ओर लेकर जा रही है जिसने अपने सहयोगियों के साथ छठी लोकसभा का चुनाव जीता था. सामना लिखता है, ‘‘ आपातकाल की अवधि के बाद , लोगों को जनता पार्टी से बडी उम्मीदें थीं. सत्ता में आने के बाद जिस प्रकार जनता पार्टी टूट गयी , केजरीवाल की नियति भी लगता है उन्हें उसी रास्ते पर लेकर जा रही है.’’ शिवसेना ने कहा कि केजरीवाल की पार्टी में जो कुछ हो रहा है , उसे देखते हुए उन्हें अन्य लोगों को राजनीति के बारे में उपदेश नहीं देना चाहिए.

खांसी के बाद केजरीवाल ने पार्टी के सदस्यों से भी छुटकारा पाना शुरु कर दिया

सामना कहता है , ‘‘ अपनी खांसी से छुटकारा पाकर जब से केजरीवाल बेंगलुरु से लौटे हैं उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों से भी छुटकारा पाना शुरु कर दिया है. पार्टी सत्ता में आने के बाद अपने कार्यों के बजाय अंदरुनी दरार के चलते खबरों में अधिक छायी हुई है.’’ वरिष्ठ नेताओं प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को पार्टी के खिलाफ साजिश रचने के आरोपों में राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासित किए जाने के बाद आप अंदरुनी संकट का सामना कर रही है. यादव और भूषण दोनों ने इन आरोपों से इंकार किया है. पार्टी ने अंदरुनी लोकपाल एडमिरल : सेवानिवृत्त : एल रामदास और भूषण को पार्टी की अनुशासन समिति से भी बाहर कर दिया है. हालांकि केजरीवाल ने कल मीडिया से कहा था कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीकठाक है.

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