विहिप कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जाना हिन्दू विरोधी कार्य : प्रवीण तोगडिया

चंडीगढ : पश्चिम बंगाल के रायगंज में विहिप के करीब 500 कार्यकर्ताओं के पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने के कुछ घंटों बाद ही हिन्दू संगठन ने आज आरोप लगाया कि यह हिन्दुओं की आवाज को दबाने का प्रयास था. विहिप नेता प्रवीण तोगडिया ने आज यहां कहा, ‘यह (रैली को रोकना) हिन्दुओं की आवाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2015 11:33 PM
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चंडीगढ : पश्चिम बंगाल के रायगंज में विहिप के करीब 500 कार्यकर्ताओं के पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने के कुछ घंटों बाद ही हिन्दू संगठन ने आज आरोप लगाया कि यह हिन्दुओं की आवाज को दबाने का प्रयास था. विहिप नेता प्रवीण तोगडिया ने आज यहां कहा, ‘यह (रैली को रोकना) हिन्दुओं की आवाज को दबाने का प्रयास है. यह तानाशाही, अलोकतांत्रिक और हिन्दू विरोधी कृत्य है. हमें अपनी आवाज उठाने से कोई नहीं रोक सकता.’

उन्हें पश्चिम बंगाल के रायगंज में विहिप कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करना था. लेकिन पुलिस ने उस समय करीब 500 विहिप कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया जब वे उत्तरी दिनाजपुर जिले में रैली स्थल की ओर बढ रहे थे. विहिप के 50 साल पूरा होने पर संगठन ने रायगंज मर्चेंट क्लब में धर्म सम्मेलन सभा आयोजित करने की घोषणा की थी. सांप्रदायिक तनाव और शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका के कारण पश्चिम बंगाल सरकार ने तोगडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी थी.

पुलिस कार्रवाई से अप्रभावित तोगडिया ने कहा कि हम फेसबुक, व्हाट्स एप और ट्वीटर का उपयोग कर वीडियो के जरिए अपने संदेश भेजकर अपनी आवाज उठाते रहेंगे. देश में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को तुरंत बाहर किए जाने की मांग करते हुए उन्होंने अवैध घुसपैठियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और उन्हें हटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से समयबद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया.

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने समान नागरिक संहिता की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है और आबादी पर नियंत्रण होना चाहिए. विहिप नेता ने कहा, ‘दो बच्चों का प्रावधान लागू होना चाहिए. जो इससे सहमत नहीं हों, उन्हें नागरिकता से वंचित कर दिया जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘कानून सभी धर्मों के सदस्यों के लिए एक समान होना चाहिए. देश में समान नागरिक संहिता लागू की जानी चाहिए.’ उन्होंने गंगा जैसी नदियों पर बांध बनाये जाने का भी विरोध किया और कहा, ‘नदी में सतत प्रवाह रहने से यह साफ रहती है.’

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