नेताजी के परिवार वालों की होती थी जासूसी, मौत का सच सार्वजनिक करने की मांग

नयी दिल्ली : नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत की गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पायी है, लेकिन उनसे जुड़ी कई अन्य बातों का खुलासा देश में होता रहता है. इसी कड़ी में एक और सच्चाई समाने आयी है. इंडिया टुडे ग्रुप की रिपोर्ट को अगर सच मानें तो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नेताजी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2015 11:35 AM
an image

नयी दिल्ली : नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत की गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पायी है, लेकिन उनसे जुड़ी कई अन्य बातों का खुलासा देश में होता रहता है. इसी कड़ी में एक और सच्चाई समाने आयी है. इंडिया टुडे ग्रुप की रिपोर्ट को अगर सच मानें तो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नेताजी के परिवार की जासूसी करवाते थे. इंटेलिजेंस ब्यूरो की दो फाइल से यह बात सामने आयी है कि 1948 से 1968 तक लगातार नेताजी के परिजनों पर सरकार की नजर थी. यह बात सभी जानते हैं कि उस दौरान देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे.

टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ये फाइल नेशनल आर्काइव्स में मौजूद हैं। जिस अवधि के दौरान नेताजी के परिवार की जासूसी की गयी, उस दौरान 16 वर्षों तक जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और आईबी सीधे उन्हें रिपोर्ट करती थी. आजादी से पहले जिस प्रकार ब्रिटिश सरकार हमारे नेताओं पर नजर रखती थी, लगभग उसी तरीके से बोस के परिवार वालों पर नजर रखी जाती थी. कोलकाता स्थित आवास पर खास नजर रखी जाती थी.

कोलकाता के 1 वुडबर्न पार्क और 38/2 एल्गिन रोड पर निगरानी रखी गयी थी। आईबी के अधिकारी नेताजी के परिवार वालों द्वारा लिखे गये पत्रों और बाहर से आये पत्रों को खोलकर पढ़ते थे और उनकी कॉपी भी रखते थे. उनके परिजनों की विदेश यात्रा पर भी नजर रखी जाती थी. यहां तक कि उनका पीछा भी किया जाता था. नेताजी के दो भतीजों शिशिर कुमार बोस और अमियनाथ बोस पर आईबी की विशेष नजर रहती थी. इन्होंने ऑस्ट्रिया में रह रहीं उनकी जीवनसाथी एमिली को कई पत्र लिखे थें.

कांग्रेस शायद इसलिए परेशान की अगर नेताजी लौटते तो देश उनका स्वागत करता, वे करिश्माई नेता थे और इसी कारण से कांग्रेस उनसे डरती थी. इंडिया बिगेस्ट कवर अप के लेखक अनुज धर ने इस वर्ष इन फाइलों नेशनल आर्काइव में पाया था. उनका मानना है कि संभवत: इन फाइल को गलती से गोपनीय की श्रेणी से हटा दिया गया होगा. हालांकि आईबी की फाइलें गोपनीय की श्रेणी से कम ही हटायी जाती हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version