जया मामला: उच्चतम न्यायालय ने विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति को बताया गलत

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्त‍ि के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति गलत है. न्यायालय ने आज कहा है कि जे जयललिता से जुडे आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय में पेश होने के लिए वकील भवानी सिंह को विशेष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2015 12:44 PM
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्त‍ि के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति गलत है. न्यायालय ने आज कहा है कि जे जयललिता से जुडे आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय में पेश होने के लिए वकील भवानी सिंह को विशेष सरकारी वकील के रुप में नियुक्त करने का कोई अधिकार तमिलनाडु सरकार के पास नहीं है.

न्यायामूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति ‘कानूनन अनुचित’ है, वह अन्नाद्रमुक प्रमुख समेत अन्य दोषियों की अपीलों की ‘नए सिरे से सुनवाई’ का समर्थन नहीं करती. पीठ ने कहा, ‘‘तमिलनाडु को कोई अधिकार नहीं है कि वह प्रतिवादी संख्या चार (सिंह) को विशेष सरकारी वकील के रुप में नियुक्त करे.’’ न्यायामूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायामूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की सदस्यता वाली इस पीठ ने यह भी कहा कि यह न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर के उन निष्कर्षों का समर्थन नहीं करती कि उच्च न्यायालय के समक्ष अपील पर नए सिरे से सुनवाई होनी चाहिए.

पीठ ने द्रमुक नेता के. अंबझगन और कर्नाटक को भी अनुमति दी कि वे कल तक उच्च न्यायालय के समक्ष अपने लिखित हलफनामा दाखिल कर सकते हैं. पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले में अंबझगन और राज्य के निवेदनों पर गौर करने के बाद फैसला सुना सकता है.

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