कोयला घोटला: पूर्व कोयला सचिव ने लिया मनमोहन सिंह का नाम

नयी दिल्ली : संप्रग सरकार के समय में कोयला ब्लाक आवंटन में कथित घोटाले के संबंध में एक पूर्व शीर्ष नौकरशाह ने आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लेते हुए संबंधित मामलों की सुनिवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत के समक्ष कहा कि उन्होंने (सिंह ने) ही तत्कालीन कोयला मंत्री की हैसियत से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 8:07 PM
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नयी दिल्ली : संप्रग सरकार के समय में कोयला ब्लाक आवंटन में कथित घोटाले के संबंध में एक पूर्व शीर्ष नौकरशाह ने आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लेते हुए संबंधित मामलों की सुनिवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत के समक्ष कहा कि उन्होंने (सिंह ने) ही तत्कालीन कोयला मंत्री की हैसियत से कोयला ब्लाकों के आबंटन के ‘अंतिम निर्णय’ किये थे.

पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्त ने कहा कि कोयला ब्लाक आबंटन मामले में अंतिम निर्णय का अधिकार सिंह के हाथ में ही था। गुप्त कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लि. (वीआईएसयूएल) को झारखंड में राजहरा उत्तरी कोयला ब्लाक आबंटन मामले में कथित अनियमितता में आरोपी हैं.

इससे पहले पूर्व मंत्री दसारी नारायण राव ने भी आरोप लगाया था कि कोयला ब्लाक आबंटन के बारे में अंतिम निर्णय कोयला मंत्री ने किया और उस समय सह जिम्मेदारी तत्कालीन प्रधानमंत्री सिंह खुद निभा रहे थे. राव कांग्रेस नेता नवीन जिंदल समूह की कंपनियों को कोयला ब्लाक आबंटन से जुडे मामले में आरोपी हैं.

आरोप तय करने को लेकर सुनवाई के दौरान गुप्त के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्कित जांच समिति के चेयरमैन थे और उनके पास केवल ब्लाक के आबंटन की सिफारिश का अधिकार था जबकि कोयला मंत्रलय के प्रभारी मंत्री निर्णय लेने वाले ‘अंतिम अधिकारी’ थे जिन्होंने निर्णय किया.

पूर्व कोयला सचिव के वकील ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने कहा, ‘‘कोयला ब्लाक आबंटन की अंतिम शक्ति तत्कालीन प्रधानमंत्री (सिंह) के पास थी जो उस समय कोयला मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे.’’ वकील ने कहा कि जांच समिति के चेयरमैन के नाते गुप्त ने तत्कालीन कोयला मंत्री को सिफारिश भेजी जिन्होंने अपने विवेक और विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करते हुए आवेदनकर्ता कंपनी को कोयला ब्लाक आबंटित करने का निर्णय किया. सुनवाई के दौरान अन्य सह-आरोपियों के वकीलों ने भी आरोप तय करने को लेकर अपनी दलीलें रखी। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिये 29 मई की तारीख मुकर्रर की है. उस दिन सीबीआई के अधिवक्ता आरोपियों के दलीलों का जवाब देंगे.

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