ऐसे में एक कार्यक्रम में पत्रकार ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से जब पूछा कि पाकिस्तान की ओर से कश्मीर को लेकर बयान से ऐसा लगता है कि उन्हें मिर्ची लगी है. इसपर पर्रिकर ने कहा कि इस मामले में अभी कोई बयान नहीं दूंगा, लेकिन मिर्ची तो आंध्र वाली लगी है. पर्रिकर से यह सवाल पूछे जाने से पहले पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल राहील शरीफ का बयान आया था कि पाकिस्तान और कश्मीर अलग-अलग नहीं हैं. यह विभाजन का एक अधुरा एजेंडा है. राहील ने कहा कि पड़ोसी पाकिस्तान को परेशान करने के लिए आतंकवाद का सहारा ले रहे हैं. पारंपरिक संघर्षों और हमारे देश को अस्थिर करने के लिए इन हथियारों का सहारा लिया जा रहा है.
अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्टन कार्टर से मुलाकात से पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री पर चिंता व्यक्त की. पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इसकी बारीकियों पर कोई टिप्पणी नहीं करुंगा लेकिन पाकिस्तान को किसी तरह के हथियारों की ब्रिक्री भारत के लिए चिंता का विषय है.’
रक्षा मंत्री पाकिस्तान को अमेरिकी हथियारों की लगातार बिक्री के बारे में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या यह मुद्दा शाम को उनकी कार्टर के साथ होने वाली बैठक के दौरान भी उठेगा. कांग्रेस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 9:11 आतंकी हमले के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान को 5.4 अरब डालर के सैन्य उपकरण दिये जिसमें एफ 16 लडाकू विमान शामिल है.