मुंबई/नयी दिल्ली : भारतीय सेना द्वारा म्यामांर में की गयी अपने तरह की पहली सटीक अभियान के एक दिन बाद सरकार ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया उग्रवादी समूहों के खिलाफ इस बात का सबक होगी कि वह आतंकवादियों के सफाये के लिए अपनी सीमाओं से परे जाने में भी संकोच नहीं करेगी. सीमापार की गयी कार्रवाई को भारत के आतंकवाद निरोधक रुख में संभावित बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
इस बीच सरकार ने यह भी कहा कि आतंकवाद और आतंकी संगठनों को लेकर कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला रवैया रहेगा. इस बीच असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने म्यामांर में उग्रवादी शिविरों में सेना की कार्रवाई का पूरी तरह समर्थन किया और कहा कि क्षेत्र से उग्रवादियों के पूरी तरह सफाये के लिए इस तरह के अभियान जारी रहने चाहिए.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘म्यामांर की सरकार की सहायता से उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई आतंकवाद से लडने की भारतीय प्रतिबद्धता के बारे में काफी कुछ कहती है. यह सभी आतकंवादी समूहों के लिए सबक और संदेश है कि भारत आतंकवाद को खत्म करने के लिए अपनी भौगोलिक सीमाओं से बाहर जाने में नहीं हिचकेगा.’ हालांकि एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या भारत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई करेगा.
जावडेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर उसकी उपलब्धियां गिनाते हुए मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. नयी दिल्ली में वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए शुरुआत में इस बारे में सवालों को टाल दिया कि क्या मंत्रियों ने सीमापार कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी.
जब जोर देकर पूछा गया तो गडकरी ने हालांकि कहा कि बैठक में इस विषय पर चर्चा नहीं हुई और बैठक में प्रधानमंत्री को बधाई नहीं दी गयी. बहरहाल उन्होंने कहा, ‘यह पहले ही स्पष्ट है कि आतंक और आतंकी संगठनों के प्रति हमारी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है. सेना के अधिकृत प्रवक्ता इस बारे में विस्तृत सूचना दे चुके हैं कि हमारी सेना ने क्या किया.’
उनसे प्रश्न किया गया था कि आतंकी हमला होने की स्थिति में सरकार ने क्या तुरंत जवाबी कार्रवाई करने की नयी नीति बनाई है. केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड ने कल कहा था, ‘जो लोग हमारे देश पर आतंकी कार्रवाइयों के इरादे पाले हुए हैं, उनके लिए यह स्पष्ट संकेत है. हमारे प्रधानमंत्री ने साहसिक कदम उठाया है और म्यामांर में तुरंत जाकर कार्रवाई करने पर आगे बढने को मंजूरी दी.’
मणिपुर के चंदेल जिले में चार जून को 6 डोगरा रेजीमेंट के काफिले पर हुए हमले में 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जबकि 15 घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई के दौरान दो उग्रवादियों के मारे जाने की भी सूचना थी. भारतीय सेना के विशेष बलों ने कल सीमापार अभियान में म्यामांर में जाकर 38 उग्रवादियों को मार गिराया था. समझा जाता है कि ये उग्रवादी मणिपुर में भारतीय सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार समूहों से थे.
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