CBSE ने कहा, AIPMT का आयोजन 4 सप्ताह में कराना संभव नहीं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
नयी दिल्ली :ऑल इंडिया प्री मेडिकल परीक्षा को आयोजित करने के लिए सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है. सीबीएसई का तर्क है कि चूंकि इस दौरान सात अन्य परीक्षाएं भी होनी हैं, इसलिए इस दौरान ऑल इंडिया प्री मेडिकल परीक्षा को दोबारा लेना संभव नहीं हो पायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2015 11:09 AM
नयी दिल्ली :ऑल इंडिया प्री मेडिकल परीक्षा को आयोजित करने के लिए सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है. सीबीएसई का तर्क है कि चूंकि इस दौरान सात अन्य परीक्षाएं भी होनी हैं, इसलिए इस दौरान ऑल इंडिया प्री मेडिकल परीक्षा को दोबारा लेना संभव नहीं हो पायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की अर्जी को मंजूरी दे दी है और इसपर सुनवाई के लिए कल का समय निर्धारित किया है.
CBSE asked for more time to reschedule AIPMT exam from SC today, cant do it in 4 weeks as it is in process of 7 other exams.
CBSE asked for more time to reschedule AIPMT exam from SC today, cant do it in 4 weeks as it is in process of 7 other exams.
सुप्रीम कोर्ट बडे स्तर पर कदाचार के मद्देनजर रद्द किए गए ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2015 को पुन: आयोजित कराने के लिए और अधिक समय मांगने संबंधी सीबीएसई की याचिका पर सुनवाई करने को आज तैयार हो गया. शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने इस बारे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय उस समय किया जब सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष इस विषय को रखा. कुमार ने न्यायालय को बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय में फिर से परीक्षा आयोजित कराना असंभव है.
उन्होंने कहा कि एक साथ सात परीक्षाएं आयोजित कराने के कारण बोर्ड पर पहले से ही काम का बहुत अधिक बोझ है. उसे फिर से परीक्षा आयोजित कराने के लिए कम से कम तीन महीने के समय की आवश्यकता है. उच्चतम न्यायालय ने 15 जुलाई को एआईपीएमटी-2015 को रद्द कर दिया था और चार सप्ताह के भीतर फिर से परीक्षा आयोजित कराने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने परीक्षा में बडे पैमाने पर कदाचार और कई स्थानों पर छात्रों को परीक्षा हॉल में सवालों के जवाब मुहैया कराए जाने को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश दिया था.