चेन्नई : सिविल सोसाइटी के आलोचना के बाद मद्रास हाइकोर्ट ने पूर्व में सुनाये गये उस फैसले को वापस ले लिया हैं , जिसमे बलात्कार के मामले में मध्यस्तथा करने की बात कही गयी थी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि बलात्कार के मामलों में किसी तरह का मध्यस्तथा नहीं हो सकती. बालात्कारी से किसी तरह का समझौता महिलाओं के गरिमा के खिलाफ है. महिलाओं का देह उनके लिए मंदिर है.
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