मुलाकात में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी शामिल थे. हजारे से जुडे एक करीबी सूत्र ने बताया, ‘अन्ना ने केजरीवाल के साथ योगेन्द्र यादव और प्रशांत के निष्कासन के मुद्दे पर बात की. उन्होंने उनको बताया कि वे पुराने साथी हैं जो भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का हिस्सा रहे हैं.’ ‘केजरीवाल ने अन्ना को पिछले महीनों में किये गये अपने कामों के बारे में बताया. दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गयी आम आदमी कैंटीन, मोबाइल क्लिनिक और रिश्वतखोरी के खिलाफ काम आदि पहलों के बारे में बताया.’
मुलाकात से पूर्व अन्ना ने संवाददाताओं को बताया था कि वह लोकपाल नहीं नियुक्त करने सहित आप के दो पूर्व सदस्यों के निष्कासन के बारे में केजरीवाल से पूछेंगे. लोकपाल के संबंध में सिसौदिया ने कहा, ‘लोकपाल विधेयक अगले सत्र में लाया जाएगा.’ पार्टी नेतृत्व तथा संगठन के भीतर के कामकाज पर सवाल उठाये जाने के बाद भूषण और यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर अप्रैल में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल भी अन्ना आंदोलन की ही देन हैं. अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवान ने अलग पार्टी बनाया और जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रहें. हालांकि अन्ना हजारे ने राजनीतिक तौर पर अरविंद केजरीवाल का कभी भी समर्थन नहीं किया है. यह पहला मौका है जब अन्ना स्वयं केजरीवाल से मिलने गये हैं.