इधर, अब पटेल समुदाय के इस आरक्षण की मांग ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है. आज जदयू नेता अजय आलोक ने कहा है कि यदि हार्दिक पटेल को हमारीजरूरतपड़ेगी तो हम उनके समर्थन के लिए गुजरात जायेंगे. अगर हार्दिक बिहार वि धानसभा के दौरान यहां आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है.आपको बता दें कि कल अहमदाबाद की सभा में हार्दिक पटेल ने कहा था कि हम केवल गुजरात तक सीमित नहीं हैं. बिहार में नीतीश कुमार हमारे हैं. वहीं आंध्रप्रदेश में चंद्रबाबू नायडू भी हमारे हैं.
हार्दिक ने कहा था कि आरक्षण की मांग को अरविंद केजरीवाल के आंदोलन की तरह व्यापक बनाया जायेगा जिसके बाद उन्हें केजरीवाल का एजेंट बताया जाने लगा. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध काफी मधुर हो रहे हैं. अरविंद केजरीवाल बिहार चुनाव में जदयू के समर्थन में प्रचार भी करेंगे.
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर एक साथ नजर आये. बिहार सम्मान समारोह में दोनों ने एक दूसरे का सहयोग करने के साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों को जम कर कोसा भी था. ऐसे में हार्दिक पटेल के द्वारा अहमदाबाद की सभा में मंच से इन दोनों नेताओं के नाम लेने के बाद राजनीति में हलचल होने के कयास लगाये जा रहे थे.
पटेल समुदाय की मांग का समर्थन करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पाटीदार ओबीसी कोटे में आरक्षण की जो मांग कर रहे हैं, वह जायज है. देश के दूसरे राज्यों में उनके समकक्ष समुदायों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है. नीतीश कुमार ने अहमदाबाद में मंगलवार को पाटीदार (पटेल) समुदाय की हुई महाक्रांति रैली के लिए इसके 22 वर्षीय नेता हार्दिक पटेल को बधाई भी दी और कहा कि गुजरात में यह मांग जोर पकड़ रहा है, इसे नजरअंदाज करना किसी के लिए संभव नहीं है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने आज इस आंदोलन को आड़े हाथ लेते हुए नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल की आलोचना की. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पटेल समुदाय के इस आंदोलन ने मोदी के गुजरात मॉडल की पोल खोल दी है. यदि आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत लोग आरक्षण की मांग कर रहे हैं तो फिर ब्रह्मण और राजपूतों को आरक्षण देने में क्या गलत है.