सिंह ने उत्तरप्रदेश स्थित अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में कहा, ‘‘देखो, बात यह है कि स्थानीय घटनाओं को केंद्र सरकार से जोडकर नहीं देखना चाहिए। जांच चल रही है. दो परिवारों के बीच झगडा था. यह झगडा कैसे इसने यह रुप लिया. प्रशासन कहां विफल रहा, इसके बाद केंद्र पर बात आती है.’ हरियाणा के फरीदाबाद में 19-20 अक्तूबर की दरम्यानी रात में दलित परिवार को जिंदा जला दिए जाने की घटना का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हर चीज के लिए सरकार जिम्मेदार हो, ऐसा नहीं है. जैसे कि यदि कोई एक कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो भी सरकार जिम्मेदार है. ऐसा नहीं है.’ इस घटना में दो छोटे बच्चे जलकर मर गए थे.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री सिंह की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस समेत विपक्ष द्वारा तीखी आलोचना की जा रही है. कांग्रेस ने उन्हें तत्काल हटाए जाने की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली में कहा, ‘‘यह निंदनीय है, स्तब्ध करने वाला और अमानवीय है. जनरल वी के सिंह ने न सिर्फ देश के पूरे दलित समाज का अपमान किया है बल्कि सभी भारतीयों का अपमान किया है. यह मोदी सरकार की सोच को दर्शाता है, जो कि दलितों का अपमान करती है, अल्पसंख्यकों का अपमान करती है और गरीबों एवं पददलितों को हेय दृष्टि से देखती है.’