उनकी इस टिप्पणी की काफी निंदा हो रही है. गृह राज्य मंत्री रिजिजू ने भी बुधवार को एक विवादास्पद बयान में कहा था कि वह दिल्ली के एक पूर्व उपराज्यपाल के उस बयान से सहमत हैं कि उत्तर भारत के लोग कानून का उल्लंघन करने में ‘‘गर्व और खुशी महसूस’ करते हैं. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सत्तारुढ दल के नेताओं के रुप में, हम सबको कोई बयान देने से पहले अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए.’ उन्होंने मंत्रियों और भाजपा नेताओं से कहा ‘‘हम लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किये जाने या उससे गलत संदेश निकलने की कोई संभावना ना हो.’
सिंह ने हालांकि कहा कि उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी विदेश राज्य मंत्री जनरल (अवकाशप्राप्त) वीके सिंह और (गृह राज्य मंत्री किरण) रिजिजू पहले ही अपनी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण दे चुके हैं और अब यह मुद्दे खत्म हो जाने चाहिए. फरीदाबाद में एक दलित के परिवार को जलाने की घटना को लेकर हो रही आलोचना से केंद्र को बचाने की कोशिश में सिंह ने कल एक कथित बयान दिया था जिसने एक बडे राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। बयान में उन्होंने कथित तौर पर कहा था ‘‘अगर कोई कुत्ते को पत्थर मारता है तो सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. ‘ उनकी टिप्पणी के बाद विपक्ष ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने और उनके खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग शुरु कर दी. उनके इस बयान को विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दंगों के संदर्भ में दिए गए ‘‘पिल्ले’ संबंधी बयान जैसा बता रहा है.
पूर्व सेना प्रमुख ने इसके बाद स्पष्टीकरण दिया और मीडिया से उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश नहीं करने की अपील की. रिजिजू ने भी कल स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी किसी एक वर्ग को लेकर नहीं वरन समूचे समाज को लेकर थी. रिजिजू ने बुधवार को पुलिस से संबंधित विषयों पर एक विचार समूह के उद्घाटन समारोह से इतर कथित तौर पर कहा था, ‘‘मैं दिल्ली के एक (पूर्व) उपराज्यपाल के कुछ वर्ष पुराने बयान का गवाह हूं. उन्होंने कहा था कि उत्तर भारत के लोगों को नियम तोडने में आनंद आता है लेकिन शाम तक उन्हें माफी मांगने को मजबूर होना पडा था.’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि जो उन्होंने कहा था वह सही था।’ कल रिजिजू ने अपने कथित बयान पर स्पष्टीकरण दिया कि उनकी टिप्पणी किसी एक वर्ग को लेकर नहीं वरन समूचे समाज के संदर्भ में थी.