दूसरी तरफ, नरमी बरतने की गुहार लगाते हुए बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील दी कि जेल में रहने के दौरान दोषी सुधार की प्रक्रिया से गुजरा. अभियोजन पक्ष से सहमत होते हुए अदालत ने 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर से बलात्कार और उसकी हत्या के लिए 27 अक्तूबर को 29 वर्षीय चालक को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार) और 201 (अपराध के साक्ष्य मिटाने की कोशिश) के तहत दोषी करार दिया. अदालत में इस दौरान 39 गवाहों ने गवाही दी. सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या के करीब दो महीने बाद मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले साल मार्च के शुरू में सनप को गिरफ्तार किया था.
पीडित आंध्र प्रदेश में मछलीपट्टनम की रहने वाली थी और वह उपनगर गोरेगांव में टीसीएस के कार्यालय में आईटी विभाग में सहायक सिस्टम इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थी. जांचकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर लगे 36 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को गहनता से खंगालने और तकरीबन 2,500 लोगों से पूछताछ के बाद सनप को पकडा. पीडिता पांच जनवरी, 2014 की सुबह आंध्र प्रदेश से ट्रेन से कुर्ला के पास लोकमान्य तिलक स्टेशन पहुंची थी, जिसके बाद से वह लापता चल रही थी. पुलिस के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर अकेला पाकर सनप ने उसे अपने दुपहिया वाहन से अंधेरी छोडने की पेशकश की.
इसके बाद वह उसे एक सुनसान जगह ले गया और लूटे जाने का विरोध करने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. सॉफ्टवेयर इंजीनियर का क्षत विक्षत शव 16 जनवरी, 2014 को उपनगर भांडुप में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर बरामद हुआ था. सनप पहले भी कई मामलों में आरोपी रहा है. वह वहां कुली के तौर पर काम करता था और इसके बाद उसने नासिक में चालक का काम किया.