मुंबई : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि अगर भाजपा कल्याण डोंबीवली नगर निगम में महापौर का पद लेने पर जोर देगी तो उनकी पार्टी भविष्य में अपना रास्ता अलग करने के लिए तैयार है. उद्धव ठाकरे के इस बयान से उनकी पार्टी और उसकी सहयोगी भाजपा के बीच गतिरोध और बढ सकता है.
शिवसेना भवन में आज आयोजित बैठक से इतर उद्धव ने आज संवाददाताओं से यह बात कही. बैठक केडीएमसी में गठबंधन की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. पार्टी के सांसदों, विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों की इस बैठक की अध्यक्षता उद्धव ने की.
उन्होंने कहा ‘‘अगर भाजपा केडीएमसी में महापौर का पद लेना चाहती है तो इसका मतलब है कि वह हमारे साथ गठबंधन में दिलचस्पी नहीं रखती. ऐसी स्थिति में हम अपना रास्ता अलग कर लेंगे और वह अपना रास्ता चुन सकते हैं. लोगों ने अकेली बड़ी पार्टी के तौर पर हमें वोट दिया है और मैं इसके लिए उनका आभारी हूं.” वह महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. दानवे ने एक संवाददाता सम्मेलन में विश्वास जताया था कि केडीएमसी और कोल्हापुर नगरनिगमों में महापौर भाजपा के होंगे.
केडीएमसी चुनाव में शिवसेना कल 52 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी लेकिन 122 सदस्यीय निकाय में बहुमत से थोड़ा पीछे रह गई. भाजपा ने अपनी पिछली 9 सीटों से आगे बढ़ते हुए 42 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि राज ठाकरे की मनसे नौ सीटें जीत पाई.
इससे पहले, दिन में शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘‘सामना” में भाजपा के प्रति नर्म रुख जताते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ वह अस्थायी था और अब साथ साथ आगे बढ़ना चाहिए. ठाकरे की टिप्पणी पर दानवे ने कहा कि पार्टी की कोर समिति के सदस्य भावी रणनीति तय करेंगे और शिवसेना जो चाहे, कर सकती है.
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