नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत और अन्य दक्षेस देशों को फैसला करना चाहिए कि क्या वे स्थायी तनाव में रहना चाहते हैं या पूर्व के विभाजनों को पीछे छोडकर शांति और सौहार्द के वातावरण में विकास करना चाहते हैं.किसी भी देश का नाम लिए बिना मुखर्जी ने यूरोपीय संघ का हवाला दिया और कहा कि यूरोप की शक्तिशाली ताकतें सदियों युद्ध में शामिल रहीं लेकिन एक साझा यूनियन, संसद और मुद्रा के लिए एक साथ आईं.
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