नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि राज्य सरकारें ऐसे दोषियों की सजा केंद्र सरकार से परामर्श किये बिना माफ नहीं कर सकती जिन पर केंद्रीय कानूनों के तहत मुकदमा चला हो और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने जिनमें जांच की हो. राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले से उत्पन्न हुए संवैधानिक मुद्दों को सुलझाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यों को माफी देने का अधिकार है लेकिन वे इसे स्वत: संज्ञान लेते हुए नहीं कर सकते. प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह भी कहा कि केंद्रीय कानूनों के तहत दर्ज मामलों में दोषियों की सजा माफी में केंद्र को प्रमुखता होगी जिनमें सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने जांच की हो.
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