नासा की अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि तमिलनाडु में बाढ का प्रकोप दरअसल लगातार मानसून की बारिश होने के एक माह बाद आया. यह बारिश सामान्य से पहले ही काफी ज्यादा थी. तमिलनाडु में भारी बारिश और बाढ के चलते कम से कम 250 लोगों की मौत हुई है और सैकडों लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं. हजारों लोग बाढ के कारण प्रभावित या विस्थापित हुए हैं.
नासा ने कहा कि यह डाटा वैश्विक अवक्षेपण मापन अभियान के तहत आईएमईआरजी के जरिए जुटाया गया. नासा के गोड्डार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में इस मापन से जुडे एक वैज्ञानिक हाल पियर्स के अनुसार, दक्षिण पूर्वी तट के इलाके के आसपास उच्चतम बारिश 500 मिलीमीटर से ज्यादा पहुंच गई. ब्लॉग पोस्ट में कहा गया, ‘‘भारत और विदेश में मौसम विज्ञानियों ने इस बारिश के पीछे की मूल वजह अत्यधिक सक्रिय उत्तर पूर्वी मानसून को बताया.
सर्दी में, देश में उत्त पूर्व से दक्षिण पश्चिम की ओर बहने वाली प्रबल हवाएं अधिकतर स्थानों पर शुष्क प्रभाव डालती हैं, खासतौर पर आंतरिक इलाकों में।’ पोस्ट में कहा गया, ‘‘लेकिन ये उत्तर पूर्वी हवाएं बंगाल की खाडी के गर्म जल के उपर से भी होकर बहती हैं. वहां वे समुद्र से भारी मात्रा में नमी को वाष्पित कर देती हैं और इसे दक्षिणी एवं पूर्वी भारत पर ले जाती हैं. भारत के पूर्वी तटीय इलाके में सर्दियों के दौरान आने वाले इस मानसून में होने वाली बारिश की मात्रा इसकी वार्षिक बारिश का 50 से 60 प्रतिशत होती है.’