SC ने नौकरशाहों की संपत्ति जब्त करने संबंधी बिहार के कानून पर लगायी मुहर

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उच्च सार्वजनिक और राजनीतिक पदों पर आसीन व्यक्तियों सहित भ्रष्टाचार के आरोपियों की संपत्ति जब्त करने संबंधी बिहार और ओडिशा के दो कानूनों की संवैधानिक वैधता की पुष्टि की है. न्यायालय ने कहा कि भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक आपदा राष्ट्रीय आर्थिक आतंक बन गया है और दूसरी तरह से इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 11:35 AM
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उच्च सार्वजनिक और राजनीतिक पदों पर आसीन व्यक्तियों सहित भ्रष्टाचार के आरोपियों की संपत्ति जब्त करने संबंधी बिहार और ओडिशा के दो कानूनों की संवैधानिक वैधता की पुष्टि की है. न्यायालय ने कहा कि भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक आपदा राष्ट्रीय आर्थिक आतंक बन गया है और दूसरी तरह से इस पर काबू पाने की आवश्यकता है.

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की पीठ ने उडीसा विशेष अदालत कानून, 2006 और बिहार विशेष अदालत कानून, 2009 की वैधता बरकरार रखी है. दोनों राज्यों की विधान सभाओं ने ये कानून पारित किया था जिसके तहत विशेष अदालतें गठित करने और संपत्ति जब्त करने की अनुमति देने का प्रावधान है. न्यायालय ने कहा कि ये कानून संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करते हैं.

पीठ ने कहा, ‘‘एक तरह से, भ्रष्टाचार तो राष्ट्रीय आर्थिक आतंक बन चुका है. इस सामाजिक आपदा पर अलग तरीके से काबू पाने की आवश्यकता है और इसलिए विधायिका ने कठोर प्रावधानों के साथ विशेष कानून बनाया.’ न्यायालय ने कहा कि इन कानून के तहत विशेष अदालतों की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 247 का उल्लंघन नहीं है.

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