राज्यपाल जे पी राजखोवा से नाराजगी जताते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य ‘विधानसभा’ द्वारा लिये गये सभी फैसलों पर रोक लगा दी जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नाबम रेबिया को हटाने का निर्णय भी शामिल है. राज्यपाल द्वारा 14 जनवरी, 2016 से शुरु होने वाले विधानसभा सत्र को पहले आयोजित करके 16 दिसंबर से बुलाने के लिए जारी नौ दिसंबर की अधिसूचना को चुनौती देते हुए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दाखिल रिट याचिका पर अदालत ने यह आदेश दिया.
नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम आज हुआ जब बागी विधायकों ने एक सामुदायिक केंद्र पर अस्थाई ‘विधानसभा’ में अध्यक्ष नबाम रेबिया पर ‘महाभियोग’ चलाया. कांग्रेस के बागी 20 विधायकों के साथ यहां एक होटल के कांफ्रेंस हॉल में हुई बैठक में भाजपा के 11 और दो निर्दलीय विधायकों ने भी भाग लिया, चूंकि विधानसभा परिसर को कल से सील किया हुआ है.
भाजपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों द्वारा आज रखे गये ‘अविश्वास’ प्रस्ताव को जब पारित किया गया तब आसन पर उपाध्यक्ष टी नोरबू थांगदोक बैठे थे जो खुद बागी कांग्रेसी हैं. बाद में 60 सदस्यीय सदन के 20 बागी कांग्रेस विधायकों समेत कुल 33 सदस्यों ने एक और असंतुष्ट कांग्रेस विधायक कलिखो पुल को राज्य का नया ‘मुख्यमंत्री चुन लिया. ‘