जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) की एक आपात बैठक में यह फैसला किया गया. परिषद विश्वविद्यालय में फैसला लेने वाली सर्वोच्च इकाई है. शिकायतकर्ता बांग्लादेश की नागरिक है. वह विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर की निगरानी में शोधकार्य कर रही थी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘प्रोफेसर की निगरानी में शोध कर रही बांग्लादेश की एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि प्रोफेसर ने उसका कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया. इसके बाद ऐसे मामलों को देखने वाली विश्वविद्यालय की निगरानी इकाई, यौन उत्पीड़न के खिलाफ लिंग संवेदीकरण कमेटी (जीएसकैश) ने जांच शुरु की.’
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी जांच में कमेटी ने उन्हें दोषी पाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जिसके बाद इस मुद्दे पर फैसले के लिए कार्यकारी परिषद की बैठक बुलायी गयी. परिषद ने तत्काल प्रभाव से उनकी सेवा खत्म करने का फैसला किया ‘ बहरहाल, लगातार फोन किये जाने और लिखित संदेश भेजने के बावजूद इस मुद्दे पर प्रोफेसर की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी.