आशा पारेख ने घर आकर मांगा था पद्मभूषण : गडकरी

नयी दिल्ली : एक जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख ने नितिन गडकरी से उनको पद्मभूषण पुरस्‍कार देन की सिफारिश की थी. गडकरी ने एक वाकये का जिक्र करते हुए दावा किया है कि आशा पारेख ने उनसे पद्म भूषण मांगा था. उन्‍होंने कहा कि पुरस्‍कारों के लिए काफी पैरवी आते रहते हैं जो सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2016 11:00 AM
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नयी दिल्ली : एक जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख ने नितिन गडकरी से उनको पद्मभूषण पुरस्‍कार देन की सिफारिश की थी. गडकरी ने एक वाकये का जिक्र करते हुए दावा किया है कि आशा पारेख ने उनसे पद्म भूषण मांगा था. उन्‍होंने कहा कि पुरस्‍कारों के लिए काफी पैरवी आते रहते हैं जो सरकार के लिए एक सरदर्द है. गडकरी ने कहानी सुनायी कि एक दिन मुंबई में आशा पारेख उनके घर आयीं. उन्‍होंने कहा कि लिफ्ट खराब थी. फिर भी आशा पारेख 12 माले तक सीढ़ियां चढ़कर उनसे मिलने आयीं. आशा पारेख ने कहा कि कि मुझे पद्मश्री मिला है लेकिन मुझे फिल्मों में मेरे योगदान देखते हुए पद्मभूषण मिलना चाहिए.

ये कहानी सुनाते हुए गडकरी ने ये भी कहा है कि पद्म पुरस्कारों के लिए होने वाली सिफारिशें नेताओं के लिए सिरदर्द बन गयी हैं. गडकरी नागपुर में सेवा सदन संस्था की ओर से दिए जानेवाले रमाबाई रानाडे पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे. हालांकि आशा पारेख ने न्‍यूज चैनलों से कहा है कि उन्‍होंने किसी भी पुरस्‍कार के लिए कोई लॉबिंग नहीं की. आशा पारेख ने कहा कि इससे ज्यादा और कुछ कहना नहीं चाहती हैं.

उल्‍लेखनीय है कि आशा पारेख गुजरे जमाने की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री हैं. 1959 से लेकर 1973 तक उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. 1992 में आशा पारेख को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया. आशा पारेख को हिंदी सिनेमा की सबसे सफल और प्रभावी अभिनेत्रियों में गिना जाता है. आशा पारेख ने 1952 में एक बाल कलाकार के तौर पर अपने अभिनय की शुरुआत फिल्म ‘आसमान’ से की थी. आशा ने ‘कटी पतंग’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘दो बदन’, ‘प्यार का मौसम’, ‘बहारों के सपने’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में की हैं.

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