7 Sisters Of India: भारत के ‘7 सिस्टर्स’ पर बांग्लादेश की बुरी नजर, मोहम्मद यूनुस ने ड्रैगन को दे दिया बड़ा ऑफर

7 Sisters Of India: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे मोहम्मद यूनुस भारत विरोधी बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं.

By ArbindKumar Mishra | March 31, 2025 10:00 PM

7 Sisters Of India: चीन दौरे पर गए मोहम्मद यूनुस ने ड्रैगन को बड़ा ऑफर भी दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने भारत की ‘7 सिस्टर्स’ के नाम से मशहूर 7 राज्यों पर अपनी काली नजर गड़ाये हुए है. उन्होंने इसको लेकर भारत विरोधी बयान भी दिया है. यूनुस ने कहा- बांग्लादेश 7 समंदर का गार्जियन है. इधर यूनुस के बयान पर भारत के रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बख्शी ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने यूनुस को खरी-खरी सुना दी है.

समुद्र को काटकर बांग्लादेश का घोंट देंगे गला : रक्षा विशेषज्ञ

रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बख्शी ने एएनआई के साथ बातचीत में कहा- “हमने बांग्लादेश बनाया. बांग्लादेश बनाते समय हमने कोई मानचित्रण लाभ नहीं लिया. बांग्लादेश, चीन और पाकिस्तान हाल ही में चिकन नेक (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) और भारत का गला घोंटने और लाभ उठाने के बारे में बात कर रहे हैं. अब बांग्लादेश कह रहा है कि चीन को मदद करनी चाहिए और सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर निर्भर सात भारतीय राज्यों में घुसना चाहिए. उन्हें एहसास नहीं है कि हम बांग्लादेश के दूसरी तरफ भी ऐसा ही कर सकते हैं. हम समुद्र को काटकर उनका गला घोंट सकते हैं. यूनुस सोच रहे हैं कि वे चीन को सात राज्यों के लिए समस्याएं पैदा करने में शामिल करेंगे, जो वे पहले से ही कर रहे हैं. सिर्फ चीन ही नहीं, पूर्वोत्तर में कई अन्य एजेंसियां भी काम कर रही हैं. भारत सरकार मीडिया में जाकर इस बारे में शोर नहीं मचाएगी. सरकार पहले ही कार्रवाई में जुट गई है. यूनुस को भी पता है कि भारत क्या करने जा रहा है.”

बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने मोहम्मद यूनुस को सुनाई खरी-खोटी

यूनुस के ‘समुद्र के एकमात्र संरक्षक हैं’ वाले बयान पर बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने कहा, “मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का बयान बेहद चौंकाने वाला है. उन्हें इस तरह का बयान देने का बिल्कुल भी अधिकार नहीं है. वह जानते हैं कि पूर्वोत्तर भारत का अभिन्न अंग है और हमने पूर्वोत्तर भारत द्वारा बंगाल की खाड़ी तक पहुंच के बारे में बांग्लादेश सरकार के साथ बहुत करीबी चर्चा की है. इस पर औपचारिक समझौते भी हुए हैं. मैं बांग्लादेश को एक बात बहुत स्पष्ट रूप से बता सकती हूं कि अगर वे पूर्वोत्तर भारत को कनेक्टिविटी अधिकार देने में रुचि नहीं रखते हैं तो वे तटवर्ती क्षेत्र के रूप में किसी भी अधिकार की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.”

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