जीएसटी क्रियान्वयन में अडचनों के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘यह कांग्रेस पार्टी ही थी जो जीएसटी विधेयक लेकर आयी. तब भाजपा ने संसद में सात वर्षों तक इसे लटकाए रखा. तब जेटली ने इसे पारित नहीं होने दिया. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी ने भी जीएसटी पारित नहीं होने दिया.’ उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसा जीएसटी नहीं चाहते जहां करों की कोई सीमा न हो. हम लगने वाले कर की अधिकतम सीमा वहां चाहते हैं. साथ ही विवाद का समाधान भी निष्पक्ष और निरपेक्ष होना आवश्यक है. मुझे नहीं लगता कि यह कहना किसी तरह से गलत है.’
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘जेटली को मुझे यह नहीं बताना चाहिये कि जीएसटी अच्छा है. मुझे पता है कि यह अच्छा है. जेटली ने पूर्व में ब्रिटेन में एक इंटरव्यू में कहा था कि संसद को ठप करना भाजपा की रणनीति थी. संसद ठप करना कांग्रेस की रणनीति नहीं है.’ यह पूछे जाने पर कि कृषि संकट और कम बारिश के चलते समस्या झेल रहे किसानों की मदद के लिए सरकार क्या कर सकती थी,
गांधी ने कहा, ‘हमने कृषि अर्थव्यवस्था से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और उद्योग अर्थव्यवस्था की तरफ धीरे-धीरे रुख किया है.’ ‘यूपीए के शासनकाल में हमें मनरेगा को लेकर आलोचना झेलनी पडी और लोगों ने कहा कि हम यह क्यों कर रहे हैं. कृषि न केवल किसानों के लिए, बल्कि उद्योग के लिए भी एक समस्या है.’
राहुल ने कहा कि जब हम सरकार में थे तो किसानों की मदद करने की हमारी एक रणनीति थी.’ ‘कृषि उतार-चढाव भरा क्षेत्र बन चुका है. एक राष्ट्र के तौर पर हमें इस क्षेत्र का सहयोग करना चाहिये. हम किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने को लेकर पक्के थे. दुर्भाग्य से मौजूदा सरकार अपने ध्यान से भटक गयी है. वे किसानों और कृषि पर उतना अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं.’