
नयी दिल्ली: प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को बढावा दिए जाने की जरुरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत की इस विशेषता की गूंज पिछले महीने हुए महत्वपूर्ण पेरिस जलवायु सम्मेलन में भी सुनायी पडी थी.भारतीय त्योहारों और प्रकृति के बदलते मूड और जरुरतों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि ये सब प्रकृति के साथ जीवन-यात्रा को जोडने का प्रयास हैं. मोदी ने कहा, ‘‘ आज, एक बार फिर, दुनिया प्रकृति को लेकर चिंतित है. विश्व अपने तरीके से इस बारे में जागरुक हुआ है.
किस प्रकार प्रकृति से जुडा जाए, किस प्रकार जीवन को प्रकृति के साथ संतुलित किया जाए, यह दुनिया के सामने एक बडी चुनौती है. हाल ही में, सीओपी..21 में पारित संकल्प में भारतीय दर्शन का यह सार शामिल है.” केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के निवास पर आयोजित ‘‘संक्रांति मिलन” कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि यह संदेश है कि अगर पर्यावरण को बचाना है तो दुनिया को ऐसी जीवनशैली अपनानी होगी जो प्रकृति के अनुरुप हो। हम इसे सदियों से परंपरा के रुप में पालते आए हैं.