दलित छात्र खुदकुशी मामला : न्यायिक आयोग करेगा जांच

नयी दिल्ली : तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की खुदकुशी मामले से जुड़े समूचे घटनाक्रम की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करने का फैसला किया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि न्यायिक आयोग तीन महीने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2016 4:52 PM
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नयी दिल्ली : तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की खुदकुशी मामले से जुड़े समूचे घटनाक्रम की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करने का फैसला किया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि न्यायिक आयोग तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.

उसने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी कुलपतियों और वरिष्ठ प्रशासकों को छात्रों तक पहुंचने के लिए संवेदनशील बनाया जाएगा और परिसर में किसी तरह के भेदभाव के मामले में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की व्यवस्था होगी.

बयान में कहा गया है, ‘‘हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए मंत्रालय की ओर से गठित तथ्यान्वेषी समिति ने 22 जनवरी, 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी.’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘टिप्पणियों और तथ्यों के आधार पर मंत्रालय ने समूचे घटनाक्रम और हालात का जायजा लेने तथा तथ्यों को स्थापित करने एवं विश्वविद्यालय के संदर्भ में सुधार करने के लिए न्यायिक आयोग के गठन का फैसला किया है.’ बीते शनिवार को रोहित का शव छात्रावास से बरामद किया गया था. इस मामले को लेकर समूचे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.

विश्वविद्यालय ने एबीवीपी के एक नेता के साथ कथित तौर पर मारपीट को लेकर रोहित एवं चार दूसरे छात्रों को निलंबित कर दिया था. निलंबन से पहले केंद्रीय मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले को देखने को कहा था. छात्रों का आरोप है कि निलंबन के कारण रोहित तनाव से घिर गया और बाद में उसने खुदकुशी कर ली.

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