हैदराबाद : केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने दलित रिसर्च स्कॉलर की कथित आत्महत्या पर आंदोलन कर रहे हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों से अपना आंदोलन वापस लेने की आज अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें इंसाफ मिलेगा.
कुशवाहा ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा,’ हमारे मंत्रालय की तरफ से एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. हम सभी छात्रों से कहना चाहते हें … भरोसा रखें…आपको इंसाफ मिलेगा. अब आंदोलन जारी रखने की कोई जरुरत नहीं है.’ उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय आवश्यक कदम उठाएगा.
उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय की तरफ से दो सदस्यों की एक तथ्य अन्वेषक समिति ने मामले की जांच की और अपनी रिपोर्ट दी. रिपोर्ट के अनुसार कुछ खामियां थी. उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया. यह आयोग अपना काम करेगा और तीन महीने में रिपोर्ट देगा. इसके आधार पर मंत्रालय आवश्यक कदम उठाएगा.’
कुशवाहा से जब विश्विविद्यालय के कुलपति और चार दलित छात्रों के खिलाफ केस वापस लेने की आंदोलनरत छात्रों की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इसमें विश्वविद्यालय गौर करेगा. मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है.’ कुशवाहा यहां नवोदय राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने आए थे.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए कल एक न्यायिक आयोग गठित करने का फैसला किया. न्यायिक आयोग गठन करने के सरकार के फैसले और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की तरफ से मुआवजे की घोषणा के संबंध में जब रोहित वेमुला के भाई राजू से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में आंदोलनरत छात्रों से बात करेंगे.
राजू ने कहा कि उनकी मां आज हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय जाएंगी और आंदोलनरत छात्रों से बात करेंगी. इस बीच, विश्वविद्यालय के सात छात्रों की तरफ से शुरु किया गया आमरण अनशन आज चौथे दिन में प्रवेश कर गया. डाक्टरों ने अनशन कर रहे छात्रों के स्वास्थ्य पर चिंता जताई है लेकिन अनशन में शामिल जी. प्रभाकर ने कहा कि वे इसे जारी रखेंगे.
प्रभाकर ने कहा, ‘हम (अनशन) जारी रखना चाहते हैं. हमारी मांगें अभी पूरी नहीं हुई हैं. वे कहते हैं कि (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी ने कल लखनउ में चर्चा की और एक न्यायिक समिति गठित की गई है. आप कोई न्यायिक आयोग नियुक्त करें, कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जिनकी वजह से असल में यह मौत हुई.’
प्रभाकर ने कहा, ‘(उप कुलपति) अप्पा राव, प्राथमिक आरोपी को वीसी के पद से बर्खास्त करें. (केंद्रीय मंत्रीद्वय) स्मृति ईरानी और बंडारु दत्तात्रेय, जिन्होंने विश्वविद्यालय को पत्र लिखे, उन्हें गिरफ्तार करें. बिना गिरफ्तारी के, यह सब (न्यायिक आयोग इत्यादि) हमें भरोसा नहीं दिलाएगा.’ इस बीच डाक्टरों की एक टीम ने अनशन कर रहे छात्रों के स्वास्थ्य की जांच की.
इस टीम में शामिल डा. रविन्द्र कुमार ने उनके स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए कहा, ‘वे चार दिन से भूख हडताल पर हैं. हमने पहले ही दिन जो देखा और जो आज देखा, यह मेडिकल स्थिति में तेज गिरावट है. हमने पाया कि उनके रक्तचाप में तेजी से उतार चढाव हो रहा है और उनका शर्करा स्तर अस्थिर है.’ कुमार ने कहा, ‘हम महसूस करते हैं कि हमें हस्तक्षेप करने की और चिकित्सीय रुप से उन्हें कुछ समर्थन देने की जरुरत होगी. हमें लडकों से चर्चा करनी होगी और हम अगली कार्रवाई के बारे में सोचेंगे.
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