उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक कानूनी एवं ढांचागत होमवर्क तैयार किया जा रहा है ताकि आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवाद से संबंधित मामलों का निपटारा करते समय इस बात पर जोर रहता है कि कोई बेगुनाह फंसे नहीं और कोई गुनहगार बचे नहीं. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि यदि पाकिस्तान आतंकवादियों एवं उनके संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करता है तो भारत पाकिस्तान का साथ देगा. इससे न केवल दोनों देशों के आपसी संबंधों में सुधार होगा बल्कि दक्षिण एशिया में भी शांति और स्थायित्व की स्थापना हो सकेगी.
सिंह ने कहा कि आज विश्व परम्परागत आतंकवाद के अलावा साइबर टेरेरिज्म, नारको टेरेरिज्म और बायो टेरेरिज्म के खतरे का सामना कर रहा है और आतंकी समूहों द्वारा आधुनिक तकनीक, हथियार एवं संचार माध्यमों का उपयोग इसे और ज्यादा घातक और मारक बना रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद हाइड्रा के सिर जैसा दैत्य है जो विभिन्न माध्यमों से धन की आपूर्ति से फलफूल रहा है. आपूर्ति के इन माध्यमों पर अंकुश लगाना बडी चुनौती है.
पठानकोट हमले का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि हमारे पास पूर्व में खुफिया सूचना होने की वजह हमारे सुरक्षा बलों ने इसके खतरे को कम कर दिया था. पठानकोट हमले के बाद सरकार आतंकवाद निरोधक व्यूह रचना की पुनर्समीक्षा कर रही है. सत्र की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि आज आतंकवाद विश्वव्यापी संकट बन चुका है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की कोई जाति, मत, मजहब और सम्प्रदाय नहीं होता. आतंकवाद एक ऐसा जहर है जो सम्पूर्ण मानवता को नष्ट करने में लगा हुआ है.
उन्होंने इस जहर को नष्ट कर मानव जीवन को सुखी बनाने की जरुरत जताई ताकि इससे आने वाली पीढियों को सुरक्षित समाज मिल सके. राज्यपाल ने कहा कि उच्च मनोबल से लबरेज भारत का युवावर्ग आतंकवाद से निपटने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि समस्या के निराकरण के लिए हम सबको मिलकर मानवता को संरक्षित करने का प्रण लेना होगा.