अलग मराठवाडा के बयान पर विवाद, महाराष्ट्र के महाधिवक्ता का इस्तीफा

मुंबई : मराठवाडा को अलग राज्य बनाए जाने से जुडे अपने बयान से उपजे विवाद के बीच महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने आज इस्तीफा दे दिया. एक अधिकारी ने कहा कि अणे आज सुबह राज भवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल सी विद्यासागर राव को अपना इस्तीफा सौंप दिया.... राज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2016 1:05 PM
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मुंबई : मराठवाडा को अलग राज्य बनाए जाने से जुडे अपने बयान से उपजे विवाद के बीच महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने आज इस्तीफा दे दिया. एक अधिकारी ने कहा कि अणे आज सुबह राज भवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल सी विद्यासागर राव को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

राज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘श्रीहरि अणे ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसे स्वीकार करना या नहीं करना उनका (राज्यपाल का) विशेषाधिकार है.’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मुद्दे पर आज राज्य विधानसभा में बयान दे सकते हैं.

एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि फडणवीस ने अणे से अपना इस्तीफा देने को कहा था. अणे ने यह कदम दरअसल अपने एक बयान के कारण विवाद पैदा हो जाने के बाद उठाया गया है. इस बयान में उन्होंने मराठवाडा क्षेत्र को एक अलग राज्य बनाने की वकालत की थी.

इससे पहले विदर्भ को एक अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की बात कहकर भी ऐसा ही विवाद मोल ले लिया था. फडणवीस ने कल अणे से बात की और उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा. अणे ने कल शाम को मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ में मुलाकात की थी.

मंत्री ने कहा कि विधायिका के दोनों ही सदनों में भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने भी अणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भागीदारी की है. ऐसे में मुख्यमंत्री के पास और कोई चारा ही नहीं था. प्रधान कानूनी सलाहकार के रुप में महाधिवक्ता की जिम्मेदारी न्यायपालिका के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष रखने की है.

मराठवाडा के जालना जिले में रविवार को आयोजित एक समारोह में अणे ने कहा था, ‘मराठवाडा ने विदर्भ से ज्यादा अन्याय सहा है और इसलिए इसे स्वतंत्र होना चाहिए. अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के स्तर पर दबाव बनाया जाना चाहिए क्योंकि यह मांग मुंबई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.’ विपक्षी दल और शिवसेना कल अणे की बर्खास्तगी की मांग करते हुए विधानसभा में अलग-अलग प्रस्ताव लेकर आए.

अणे को हटाए जाने तक शिवसेना ने मंत्रिमंडलीय बैठकों में शिरकत करने से मना कर दिया था. शिवसेना के नेता रामदास कदम ने कहा, ‘अणे ने पहले विदर्भ को अलग राज्य बनाने के लिए कहा था.’ कदम ने कहा कि पार्टी अणे के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज करवाना चाहती है.

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