नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र से उस समिति की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसका गठन मुस्लिमों सहित विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों के विवाह, तलाक और संरक्षण से संबंधित पर्सनल लॉ के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए किया गया था. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से अदालत में छह सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा.पीठ ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से शायरा बानो नामक महिला द्वारा दायर याचिका पर जवाब भी मांगा है. शायरा बानो ने मुसलमानों में प्रचलित बहुविवाह, एक साथ तीन बार तलाक कहने (तलाक ए बिदत) और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी है.
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