उत्तराखंड : कांग्रेस ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, भाजपा लगा रही है लोकतंत्र की हत्या का आरोप
देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने के केंद्र के निर्णय को चुनौती दी. रावत की तरफ से यह याचिका उनके वकील और उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति यूसी […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2016 6:14 PM
देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने के केंद्र के निर्णय को चुनौती दी. रावत की तरफ से यह याचिका उनके वकील और उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ में दायर की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में सुनवाई कल भी जारी रहेगी.
केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने वाली इस याचिका में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के औचित्य को चुनौती दी गयी है. इस मामले में जहां सिंघवी रावत की तरफ से पेश हुए, वहीं केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व राकेश थपलियाल ने किया. अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता कल केंद्र सरकार की ओर से अदालत में दलील पेश करेंगे. सिंघवी ने कहा कि प्रदेश में अनुच्छेद 356 के प्रयोग और राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने के लिए परिस्थितियां उपयुक्त नहीं थीं. उत्तराखंड की जनता पिछले 16 साल में 8 मुख्यमंत्री देख चुकी है. अब राजनीतिक संकट के बाद नये फेरबदल की संभावना है.