किताब का नाम ‘बिहार टू तिहाड़’
अंगरेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में कन्हैया ने बताया है कि इस किताब का नाम बिहार टू तिहाड़ होगा और किताब छापने के लिए एक पब्लिसर ने उनके साथ कंट्रैक्ट भी किया है. किताब अंगरेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में छपेगी. कन्हैया ने अखबार को बताया कि मैं अगला समेस्टर शुरू होने से पहले इस किताब को पूरा कर लूंगा. इस किताब में कन्हैया अपने ऊपर हुए अत्याचारों और जुल्मों की भी चर्चा करेंगे.
दमन का विरोध होगा विषय
किताब का विषय दमनकारी समाज पर होगा. कन्हैया के मुताबिक किताब में उनके संघर्ष से जुड़ी कुछ बातें होंगी और समाज से जुड़े कुछ तथ्य भी इसमें डाले जायेंगे. कन्हैया के मुताबिक इस कहानी में होगा कि किस तरह शोषणकारी समाज में एक लड़का संघर्ष करके जेएनयू पढ़ने आता है और किस तरह कुछ लोग उसे अपना निशाना बनाते हैं. कंट्रैक्ट के साइनिंग अमाउंट के बारे में पूछे जाने पर कन्हैया ने कहा कि उन्हें किताब के लिए किसी प्रकार की रकम नहीं दी गयी है. उन्होंने अखबार को कहा कि एक छात्र को कौन पैसे देता है.
जेएनयू कमेटी ने की थी जांच
गौरतलब हो कि 9 फरवरी को संसद हमलों के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जेएनयू में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और देश विरोधी नारे लगाये गये थे. कन्हैया को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. जेएनयू की हाइ लेवल जांच कमेटी ने कन्हैया के साथ और भी कई छात्रों को इस मामले में दोषी पाते हुए जुर्माना लगाया है और कार्रवाई की है.