देश के 80 करोड़ लाभार्थियों को मई और जून माह में मिलेगा मुफ्त खाद्यान्न, केंद्रीय कैबिनेट ने दी औपचारिक मंजूरी

Central cabinet, Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana, National Food Security Act, Food grains : नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों के लिए दो माह मई और जून के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन को बढ़ा दिया है. इससे अंत्योदय अन्‍न योजना और प्राथमिकता वाले घरों के 79 करोड़ 88 लाख लाभार्थियों को लाभ मिलेगा. प्राथमिकतावाले घरों में वैसे लाभार्थी शामिल हैं, जिन्हें सीधे डीबीटी के जरिये सहायता दी जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2021 6:56 PM
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नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों के लिए दो माह मई और जून के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन को बढ़ा दिया है. इससे अंत्योदय अन्‍न योजना और प्राथमिकता वाले घरों के 79 करोड़ 88 लाख लाभार्थियों को लाभ मिलेगा. प्राथमिकतावाले घरों में वैसे लाभार्थी शामिल हैं, जिन्हें सीधे डीबीटी के जरिये सहायता दी जा रही है.

सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इसे विगत में लागू किये जाने की तिथि से मंजूरी दी गयी. योजना के तहत लाभार्थियों को प्रतिमाह पांच किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति नि:शुल्क दिया जा रहा है.

योजना के तहत लाभार्थियों को खाद्यान्न देने की शुरुआत पिछले साल जुलाई माह में कोरोना महामारी के कारण लगाये गये लॉकडाउन में हुई थी. बाद में इसे बढ़ा कर नवंबर तक कर दिया गया. अब दूसरी लहर के मद्देनजर एक मई से दो माह के लिए इसे फिर लागू किया गया है.

करीब 79 करोड़ 88 लाख लाभार्थियों को मई और जून के दौरान पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिमाह की दर से अतिरिक्त खाद्यान्न के निःशुल्क आवंटन पर करीब 25,332.92 करोड़ रुपये खाद्यान्न सब्सिडी की लागत आयेगी. इसमें चावल के लिए 36,789.2 रुपये प्रति मीट्रिक टन और गेहूं के लिए 25,731.4 रुपये प्रति मीट्रिक टन की अनुमानित आर्थिक लागत शामिल है.

इस अतिरिक्त आवंटन से कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक गतिरोध से गरीबों के सामने जीवनयापन में आयी कठिनाइयों को कुछ कम किया जा सकेगा. आनेवाले दो महीनों में किसी भी गरीब परिवार को खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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