केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दो साल बाद दूसरी बार कैबिनेट विस्तार करने जा रही है. समझा जाता है कि शाह ने पीएम को कैबिनेट विस्तार के मद्देनजर उत्तर प्रदेश से सम्बंधित फीडबैक दिया, जिसके आधार पर वहां के चेहरों को कैबिनेट में लिया जायेगा. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी विधानसभा चुनाव सबसे अहम है, जिसे बीजेपी हर हाल में जितना चाहती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के जातीय, छेत्रीय समीकरण के आधार पर वहां के कई चेहरे को उसमें शामिल किया जायेगा, इसमें कई ऐसे मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी दी जाने की संभावना है जिन्होंने कम समय में अच्छा काम किया है. इसके अलावा कुछ ऐसे नेताओं की छुट्टी भी की जायेगी जिनका प्रदर्शन सामान्य रहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कैबिनेट विस्तार व फेरबदल में काम करने वालों को जहां पुरस्कृत करेंगे, वहीं बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वालों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है. चर्चा है कि बिजली मंत्री पीयूष गोयल व संसदीय कार्य व अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का प्रमोशन होगा और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जायेगा. स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री के पद पर रहते हुए पीयूष गोयल ने जहा ऊर्जा क्षेत्र में जबरदस्त सुधारवादी कदम उठाये हैं, वहीं संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में नकवी ने सदन के अंदर व बाहर अहम भूमिका निभाई है.
एक निजी समाचार चैनल के अनुसार इस बार मंत्रिमंडल में कई नये चेहरों को शामिल किया जा सकता है. इस बार ओम माथुर, विनय सहस्त्रबुधे, श्याम चरण गुप्ता जैसे लोगों का नाम मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर खबर है कि बिहार से भाजपा सांसद और लघु उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह की कुर्सी जा सकती है. गिरिराज के साथ निहालचंद जिन पर रेप का आरोप है और नजमा हेपदुल्ला जो अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री हैं उनकी कुर्सी जा सकती है.
गौरतलब है कि पिछली बार के कैबिनेट विस्तार में 21 नए चेहरों को शामिल किया गया था जिसमें 4 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री और 3 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल थे.