इस मामले पर गृहराज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा, मैं इस पर कोर्इ टिप्पणी नहीं करूंगा. इस मामले में जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और सबकुछ कानून के अनुसार होगा.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी है कि एनआइए नाइक की एक्टिविटी की जांच कर रही है, कहीं उनका किसी आतंकी संगठन से संबंध तो नहीं या उनका भाषण किसी आतंकी हमले के लिए प्रेरित तो नहीं कर रहा है.
बांग्लादेश में हमला करने वाले आतंकियों के प्रेरणास्त्रोत के रूप में नाम सामने आने के बाद खुद भारतीय मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक को सामने आकर सफाई देनी पड़ी है. इस संबंध में आज अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने खबर छापी है जिसके अनुसार नाइक ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) को गैर इस्लामी संगठन बताया है. अखबार से बातचीत के क्रम में 50 साल के नाइक ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट नाम से उन्हें बुलाकर हम लोग इस्लाम के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं और उसकी निंदा कर रहे हैं. आइएसआइएस के आतंकी इस्लाम के खिलाफ काम करने वाले लोग हैं जो निर्दोष विदेशियों की जान ले रहे हैं. आइएसआइएस का यह नाम इस्लाम के दुश्मनों ने दिया है.
सोशल मीडिया के संबंध में जाकिर ने बताया कि फेसबुक पर उन्हें फॉलो करने वाले सबसे ज्यादा लोग बांग्लादेशी ही है. उन्होंने दावा किया है कि 90 प्रतिशत बांग्लादेशी उनसे प्रभावित है और उन्हें पहचानते हैं. इनमें मुख्य रूप से नेता, समाजसेवी, आम जनता, छात्र सभी शामिल हैं. 50 प्रतिशत मेरे फैन हैं. उन्होंने कहा कि हमला करने वाला मुझे जानता है यह बात जानकर मुझे हैरानी हुई? नहीं. वहां मुझे अनुसरण करने वाले सैकड़ों लोग हैं इसलिए मुझे इस बात की जानकारी मिलने के बाद हैरानी नहीं हुई. आपको बता दें कि जाकिर पर कई देशों ने बैन लगा रखा है. इस मामले पर उन्होंने कहा कि ऐसा करवाने के पीछे हिंदू कट्टरपंथियों का हाथ हैं. उनका दावा है कि जो भी हिंदू एक बार उनकी बातें सुन लेता है उसकी सोच इस्लाम के प्रति बदल जाती है.
गौरतलब है कि खबर आई थी कि हमला करके 20 लोगों की हत्या करनेवाले आतंकी जाकिर के भाषण को गौर से सुना करते थे और वे इनसे प्रभावित थे. बांग्लोदश की सत्ताधारी अवामी लीग के राजनेता के बेटे रोहन इम्तियाज ने पिछले साल फेसबुक पर नाइक का एक संदेश पोस्ट भी किया था. जाकिर बांग्लोदश में पीस टीवी पर उपदेशों की वजह से काफी फेमस हैं.