कोलकाता: पूर्वी क्षेत्र में जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे आतंकी संगठनों के बढते खतरे के मद्देनजर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी उर्दू, अरबी और फारसी भाषा सीख रहे हैं. अरबी, उर्दू और फारसी भाषा का मूलभूत ज्ञान होने की जरुरत पहली बार साल 2014 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के खग्रा में हुए विस्फोट के बाद महसूस की गई थी। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी लेकिन बडे पैमाने पर बरामद किया गया साहित्य फारसी, उर्दू और अरबी भाषा में था इसलिए अधिकारियों को मुश्किल का सामना करना पडा था.
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