पैलेट गन पर लगी रोक तो और ज्यादा मौते होंगी : CRPF

श्रीनगर: सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर उच्च अदालत से कहा है कि भीड पर नियंत्रण के उपाय के तौर पर अगर पैलेट बंदूक पर रोक लगाई जाती है तो कठिन हालात में जवानों को मजबूरन गोलियां चलानी पडेंगी जिससे और ज्यादा मौतें हो सकती हैं. उच्च अदालत को दिए गए हलफनामे में सीआरपीएफ ने कहा है, ‘‘सीआरपीएफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 4:31 PM
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श्रीनगर: सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर उच्च अदालत से कहा है कि भीड पर नियंत्रण के उपाय के तौर पर अगर पैलेट बंदूक पर रोक लगाई जाती है तो कठिन हालात में जवानों को मजबूरन गोलियां चलानी पडेंगी जिससे और ज्यादा मौतें हो सकती हैं. उच्च अदालत को दिए गए हलफनामे में सीआरपीएफ ने कहा है, ‘‘सीआरपीएफ के पास मौजूद विकल्पों में से अगर इसे (पैलेट बंदूक) हटा लिया जाता है तो कठिन परिस्थितियों में सीआरपीएफ के जवानों को राइफल से गोली चलानी पड़ेगी. इससे और ज्यादा मौंते होने की आशंका है.’

अर्द्धसैनिक बल का यह हलफनामा अदालत में दायर उस याचिका के जवाब में आया है जिसमें घाटी में भीड नियंत्रण के उपाय के तौर पर पैलेट बंदूक के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की गई थी. बल का कहना है कि पैलेट बंदूक का इस्तेमाल साल 2010 में शुरु किया गया था और दंगा नियंत्रण का यह स्वीकार्य हथियार है. हलफनामे में कहा गया है कि जब कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगडी हुई हो और लक्ष्य चलते, फिरते, दौडते और घूमते-मुडते हों तो ऐसी स्थिति में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन मुश्किल हो जाता है.

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