कोझिकोड :धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा को तोड़े- मरोड़े जाने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनसंघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिमों को ‘अपना’ माना चाहिए और उन्हें वोटबैंक की वस्तु के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए. भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2016 4:39 PM
कोझिकोड :धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा को तोड़े- मरोड़े जाने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनसंघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिमों को ‘अपना’ माना चाहिए और उन्हें वोटबैंक की वस्तु के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए. भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मिशन ‘सबका साथ, सबका विकास’ कोई राजनीतिक नारा नहीं है बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है.
अपने भाषण में मोदी ने धर्मनिरपेक्षता, संतुलित एवं समावेशी विकास और चुनाव सुधारों की जरूरत के बारे विस्तार से चर्चा की और दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जन्मशती पर उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा, ‘‘ इन दिनों इसकी परिभाषा को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है. यहां तक कि इन दिनों राष्ट्रवाद को भी कोसा जाता है. ‘ दीन दयाल उपाध्यय के जीवन एवं योगदान का जिक्र करते हुए मोदी ने उनका हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को न पुरस्कृत करों और न ही फटकारों. उन्हें सशक्त बनाओ. वे न तो वोट बैंक की वस्तु हैं और न ही घृणा की सामग्री. उन्हें अपना समझो