एसवाइएल मामला: हरियाणा और पंजाब के बीच बस सेवा ठप्प
जींद: हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) मुद्दे पर आज जींद रोजवेज ने पंजाब से आने वाली बस सेवा को बंद कर दिया है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 से अधिक बसों को बंद किया गया है. वहीं दूसरी ओर खबर है […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2016 2:11 PM
जींद: हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) मुद्दे पर आज जींद रोजवेज ने पंजाब से आने वाली बस सेवा को बंद कर दिया है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 से अधिक बसों को बंद किया गया है. वहीं दूसरी ओर खबर है कि हरियाणा ने पंजाब में केवल लंबे रूट की बस सेवा बंद की है. अब बसें 50 से 60 किलोमीटर तक ही जाएंगी. यही नहीं हरियाणा ने जम्मू तक जाने वाली बस सेवा बंद कर दी है. कहा जा रहा है कि तनाव के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने यह निर्णय लिया है.ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इससे पंजाब की ओर से आने वाले बसों के परिचालन पर असर पड़ सकता है.
आपको बता दें कि एसवाइएल मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है. न्यायालय के द्वारा हरियाणा का पक्ष लिये जाने के विरोध में पंजाब में विपक्षी कांग्रेस के सभी विधायकों ने आज राज्य विधानसभा के सचिव को इस्तीफा सौंप दिया. इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अमरिन्दर सिंह ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर अपने ताजा हमले में आरोप लगाया कि बादल लोगों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं और घोषणा की कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर रविवार को रैली आयोजित करेगी.
विपक्ष के नेता चरणजीत सिंह चन्नी, सुनील जाखड, सुखजिन्दर सिंह और बलवीर सिंह संधु समेत 42 विधायक आज विधानसभा गए और उन्होंने विधानसभा के सचिव शशि लखनपाल मिश्रा को इस्तीफा सौंप दिया क्योंकि अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल मौजूद नहीं थे. इन विधायकों के साथ अमरिन्दर सिंह, प्रताप सिंह बाजवा और अंबिका सोनी समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
Jind (Haryana): Passengers stranded as Haryana Roadways stops all buses plying from Jind to Punjab and Jammu for security reasons #SYLpic.twitter.com/n2pSduVCRE
इससे पहले आज पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि हमें सिर्फ अपना अधिकार चाहिए. हम दूसरों से कुछ नहीं मांगते हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये कोई राजनीतिक मामला नहीं है. यह मामला आजीविका और आर्थव्यवस्था से जुड़ा है.