500 और 1000 के नोट पर लगी पाबंदी के बाद भी चुनाव में काले धन का उपयोग : विश्वलेषक

नयी दिल्ली : राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं के खाते में नकदी डालकर अपने कालेधन को सफेद बनाने का प्रयास कर सकती हैं. राजनीतिक विश्लेषक प्रधानमंत्री की इस पहल को मात्र लोकप्रियता हासिल करने के लिए उठाया गया कदम करार दे रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इससे राजनीतिक दलों द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2016 1:21 PM
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नयी दिल्ली : राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं के खाते में नकदी डालकर अपने कालेधन को सफेद बनाने का प्रयास कर सकती हैं. राजनीतिक विश्लेषक प्रधानमंत्री की इस पहल को मात्र लोकप्रियता हासिल करने के लिए उठाया गया कदम करार दे रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इससे राजनीतिक दलों द्वारा काले धन के इस्तेमाल पर कोई खास फर्क नहीं पडेगा.

अगले कुछ माह में देश के कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल कमर कस चुके हैं और उन्होंने अपनी रैलियां और प्रचार अभियान भी शुरु कर दिया है. सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के प्रोफेसर एवं प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार दुबे ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘आने वाले चुनाव में काले धन का इस्तेमाल इस बार भी पहले की ही तरह होगा.

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