केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आईआरएफ को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के कुछ ही दिनों बाद एनआईए की यह कार्रवाई सामने आयी है. ढाका कैफे हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक ने कथित रूप से सोशल मीडिया पर लिखा था कि वे नाइक के भाषणों से प्रभावित हुए थे, जिसके बाद आईआरएफ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के जांच के दायरे में आ गया था. इस साल की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के इरादे से मुंबई उपनगर से अपना घर छोड़कर गये कुछ युवक भी कथित रूप से प्रचारक से प्रेरित थे.
गिरफ्तारी से बचने के इरादे से देश से बाहर रह रहे नाइक के भाषणों पर मलेशिया और ब्रिटेन समेत कनाडा में भी प्रतिबंध लगाया गया है. गृह मंत्रालय को आतंकवाद का प्रचार करने वाले अंतरराष्ट्रीय इस्लामी चैनल ‘पीस टीवी’ से एनजीओ के कथित संदिग्ध संपर्कों पता चला था. गृह मंत्रालय के मुताबिक आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिये और वह आतंकवाद के प्रचार में भी शामिल रहा.
महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं को कथित रूप से कट्टरपंथ की ओर धकेलने और उन्हें लालच देकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए नाइक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. नाइक ने ‘आपत्तिजनक’ कार्यक्रमों के निर्माण के लिए आईआरएफ के विदेशी कोष से ‘पीस टीवी’ को पैसा भेजा था.
इन कार्यक्रमों को भारत में बनाया गया और इनमें नाइक के कथित भड़काउ भाषण थे. ‘पीस टीवी’ पर प्रसारित अपने इन भाषणों में नाइक ने कथित रूप से ‘सभी मुस्लिमों से आतंकवादी बनने’ को कहा था. नाइक द्वारा संचालित एक शैक्षणिक न्यास के विदेशी धन लेने पर पहले ही रोक लगा दी गयी है और एजेंसियां उसकी गतिविधियों की जांच कर रही हैं.