हाफिज करता था बुरहान वानी की आतंकी गतिविधियों में मदद, पढें बातचीत

नयी दिल्ली : आतंकी बुरहान वानी और हाफिज सईद के गहरे रिश्ते थे. इन दोनों की बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें हाफिज बुरहान को हर संभव मदद का आश्वासन दे रहा है. बुरहान भी पैसे और मदद के लिए हाफिज से मिन्नतें कर रहा है. एक निजी चैनल CNN न्यूज 18 ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2016 3:57 PM
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नयी दिल्ली : आतंकी बुरहान वानी और हाफिज सईद के गहरे रिश्ते थे. इन दोनों की बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें हाफिज बुरहान को हर संभव मदद का आश्वासन दे रहा है. बुरहान भी पैसे और मदद के लिए हाफिज से मिन्नतें कर रहा है. एक निजी चैनल CNN न्यूज 18 ने एक ऑडियो जारी किया है जिसमें इन दोनों के बीच की पूरी बातचीत सुनी जा सकती है.

पहले बुरहान वानी की आवाज सुनायी देती है जिसके बाद वो किसी से हालचाल पूछता है. इसके बाद वो व्यक्ति पीर साहेब( हाफिज सईद) से बातचीत के लिए कहता है. बातचीत में हाफिज कहता है – सलाम वालेकुम. इस पर बुरहान वानी कहता है – वालेकुम सलाम, जी कैसे हैं आप? इस पर आतंकवादी हाफिज सईद बोलता है – बुरहान भाई बोल रहे हैं…उधर से बुरहान वानी कहता है – जी, बुरहान बोल रहा हूं, आप ठीक हैं? इस पर हाफिज सईद कहता है – अल्ला का बहुत शुक्र है. मुझे खुशी हुई आपसे बात करके, अल्लाताला आपको बरकत दे, अल्लाताला आपको इबादत करने का मौका दे. इसके अलावा भी हाफिज उसे कई दुआएं देता है.
फिर बुरहान वानी की आवाज है- हमें बहुत तमन्ना थी आपसे बात करने की…, आपकी सेहत ठीक है? इस पर आतंकी हाफिज सईद कहता है – अल्लाह का शुक्र है. आप मुश्किल हालात में हैं हम जानते हैं, लेकिन आप परेशान नहीं होना. इंशाअल्लाह हम आपके साथ खड़े हैं. जो भी आपके साथ खड़े हैं, जो भी आपको चाहिए हमें कहें. इंशाअल्लाह हम खिदमत के लिए तैयार हैं. मुकम्मल आपके साथ हैं. अल्लाताला आपको बरकत दे. अल्लाताला जल्द मकसद हमारा हमें अता फरमाए. दुश्मन की साजिशें अल्लाताला नाकाम कर दें.

इस पर आतंकवादी बुरहान वानी कहता है – अब मसला ये है ना कि इस टाइम तहरीक को जो नया रोशन मिला है. वो (दुश्मन) पस्त हो गया है तो अल्हमदुलिल्लाह इस मौके को हमें गंवाना नहीं चाहिए. ये हमें जारी रखनी चाहिए और अटैकिंग पॉलिसी जारी रखनी चाहिए दुश्मन पर…. अगर थोड़ा-सा आपका साथ चाहिए बस. इंशाअल्लाह दुश्मन को हम यहां से जल्द बाहर निकालेंगे.

इस पर बुरहान वानी कहता है – जी, बस यही कहना था, मतलब जो लश्कर वाले हैं, उनका थोड़ा सामान है और जो पैसे हैं. वो अगर कम हैं तो मैं सोच रहा था कि इसकी वजह क्या है? अगर उनका नेटवर्क थोड़ा लूज है, तो इंशाअल्लाह मैं इनकी मदद कर सकता हूं. मेरे पास सोर्स है इतना…

हाफिज सईद बोलता है – ठीक है, ठीक है… इंशाअल्लाह हम काम करेंगे और आपसे मदद लेंगे और अल्लाताला से ये दुआ करते हैं अल्ला कबूल करें.

अंत में बुरहान वानी आमीन कहता है.

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