एक्स्ट्रा-कॉरपोरियल मैम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन (ईसीएमओ) डिवाइस एक लाइफ सपोर्ट सिस्टम है. यह डिवाइस शरीर को उस समय ऑक्सीजन सप्लाई करने में मदद करता है, जब मरीज के फेफड़े या दिल यह काम नहीं कर पाते हैं. हृदय रोग विशेषज डा वी के जगनानी का कहना है कि इस उपकरण का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब मरीज सांस ले पाने के परम्परागत तरीकों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा हो.
इस डिवाइस के प्रयोग के लिए शरीर के किसी एक धमनी (नस) खून निकालकर उसे डिवाइस से जोड़ दिया जाता है. जिससे बाईपास विधि से खून पूरे शरीर में प्रवाहित होता है. ईसीएमओ मशीन नसों में बह रहे खून के सहारे काम करती है. ईसीएमओ खून में आक्सीजन जोड़ती है और कार्बन डाइऑक्साइड हटाती है. इसके साथ ही यह खून को गर्म करती है और धमनी में भेजती है. कुछ मामलों में यह पूरे शरीर में खून को प्रवाहित भी करती है. यह खून को हृदय और फेफड़ों से भी बायपास करने देती है.
अस्पताल से जारी किये गये बयान के मुताबिक, ‘हृदय रोग विशेषज्ञ, पल्मोनरी रोग विशेषज्ञ और नाजुक स्थिति में देखभाल करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम जयललिता का इलाज कर रही है और उनकी सेहत की निगरानी कर रही है.’ अपोलो अस्पताल ने यह भी बताया कि लंदन से डॉ. रिचर्ड बीयले से सलाह ली गयी है और उन्होंने हमारे हृदय रोग विशेषज्ञों और पल्मोनोलॉजिस्ट्स के उपचार की दिशा से सहमति जताई.