नरेंद्र मोदी ने रामास्वामी के निधन पर किये ट्विट में एक वीडियो भी अपलोड किया है. इस वीडियो में रामास्वामी नरेंद्र मोदी का ‘मौत का सौदागर’ कहकर परिचय करवा रहे हैं. लेकिन रामास्वामी के इस संबोधन में मोदी को केवल मौत का सौदागर नहीं बल्कि आतंकवाद के मौत के सौदागर, भ्रटाचार के मौत के सौदागार, लालफीतासाही के मौत के सौदागर आदि से संबोधित किया गया है. गौरतलब है कि 2007 में जब गुजरात में विधानसभा चुनाव होने थे तब एक संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था. इसी शब्द को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हुए नरेंद्र मोदी ने बड़ी जीत दर्ज की थी.
रामास्वामी ने राजनीतिक पत्रिका ‘तुगलक’ की स्थापना और उसका संपादन किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि रामास्वामी को बहुत से लोगों से सम्मान और सराहना मिलती थी. उन्होंने कहा, ‘चो रामास्वामी एक बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी, दिग्गज बुद्धिजीवी, महान राष्ट्रवादी और निर्भीक आवाज थे, जिनका सम्मान और सराहना की जाती थी.’ उन्होंने कहा, ‘इन सबसे उपर, वह एक प्रिय मित्र थे. मैं उनकी वार्षिक पाठक बैठक में गया था, जो एक अभूतपूर्व संपादक-पाठक मंच था.’ वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य रामास्वामी का बीमारी के चलते चेन्नई में निधन हो गया.
क्या थे रामास्वामी और जयललिता के संबंध
तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता अक्सर चो रामास्वामी की सलाह लिया करती थीं. अगस्त 2015 के दौरान जब रामास्वामी अपोलो अस्पताल में भर्ती थे, तो जयललिता उनसे अपने ही ढंग में मिलीं थीं. इस दौरान जयललिता ने कहा था कि उन्हें जल्द ही ठीक होना पड़ेगा क्योंकि उन्हें हमेशा ही एक दोस्त दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में उनकी जरूरत है. रामास्वामी ने उनकी बात रखी, लेकिन विडंबना यह रही है कि अब उन्हें अपोलो लाया गया था और वहीं भर्ती किया गया था, जहां जयललिता भर्ती थीं.