‘अम्मा’ जे जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की राजनीति में एक शून्य उभर आया था. उनके बाद कौन? लेकिन अब धुंधली तस्वीर साफ होने लगी है. ऐसे में लोग शशिकला नटराजन की ओर उम्मीद से देख रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि भले ही पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री हों, लेकिन पार्टी की कमान शशिकला के हाथों में होगी और सरकार के तमाम फैसले परदे के पीछे से वहीं लेंगी. उन्हें पार्टी महासचिव बनाने की चर्चा आम है. शशिकला को पार्टी की कमान सौंपने के पीछे उनका और जयललिता का 30 साल का संबंध है. शशिकला नटराजन पिछले 30 सालों से जयललिता के सबसे करीब रहीं हैं.
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