आतंकी मसूद अजहर पर चीन के अड़ंगे से निपटने के लिए भारत ने की है ये तैयारी!

नयी दिल्‍ली : गुरुवार को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्‍यता को लेकर जहां भारत की उम्‍मीदें बढ़ी हैं. वहीं अब भारत आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ सुरक्षा परिषद में कार्रवाई की मांग रख सकता है. दोनों ही मामलों में चीन की ओर से अड़ंगा लगाया गया था. इस सप्ताह के आखिर तक चीन को आतंकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2016 9:28 AM
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नयी दिल्‍ली : गुरुवार को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्‍यता को लेकर जहां भारत की उम्‍मीदें बढ़ी हैं. वहीं अब भारत आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ सुरक्षा परिषद में कार्रवाई की मांग रख सकता है. दोनों ही मामलों में चीन की ओर से अड़ंगा लगाया गया था. इस सप्ताह के आखिर तक चीन को आतंकी मसूद अजहर और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बैन पर अपना रुख साफ कर देना होगा. अगर चीन दुबारा अपने विटो पावर का इस्‍तेमाल नहीं करता है तो इस माह के अंत में वह मियाद समाप्‍त हो जायेगी, जब चीन ने मसूद को आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रस्‍ताव का विरोध किया था.

अब अगर दुबारा चीन ऐसा करता है तो फिर से एक बार आने वाले साल में मसूद अजहर आतंकी घोषित नहीं हो पायेगा. भारत को चीन के फैसले का इंतजार है. चीन के फैसले के बाद ही भारत कोई कदम उठायेगा. चीन ने इस साल 31 मार्च को आतंकी मसूद अजहर को आतंकी घोषित किये जाने के रास्ते में अड़ंगा लगा दिया. इसकी वजह से भारत की जैश-ए-मोहम्मद पर बैन लगाने की योजना भी नाकामयाब हो गयी थी.

कौन है मसूद अजहर

मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख और भारत में एयरफोर्स बेस कैंप पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है. मसूद अजहर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है. हुआ ने यहां एक लिखित जवाब में कहा, ‘1267 समिति में सूचीबद्ध करने का कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों एवं समिति के प्रक्रिया नियम के तहत होना चाहिए.’ एनआइए ने अजहर, उसके भाई और दो अन्य के खिलाफ पठानकोट हमले की साजिश रचने को लेकर सोमवार को आरोपपत्र दायर किया था. इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे जबकि 37 अन्य घायल हुए थे.

चीन ने जताया था विरोध

संयुक्त राष्ट्र संघ के 15 देशों में समूह में अकेला चीन ही ऐसा था जिसने मसूद अजहर को आतंकी घोषित किये जाने के फैसले को ‘होल्ड’ पर रखा था. अगर अजहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित कर दिया जाता है तो उसकी संपत्ति फ्रीज कर दी जायेगी. इतना ही नहीं, उसके यात्रा करने पर भी रोक लगा दी जायेगी. एस समय चीन ने कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख पर संयुक्त राष्ट्र पाबंदी लगाने से संबंधित भारत का कोई भी कदम सुरक्षा परिषद द्वारा निर्धारित नियमों एवं प्रक्रियाओं के अनुरूप होना चाहिए. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले के मामले में एनएआइ द्वारा आरोपपत्र में अजहर को सूचीबद्ध किये जाने के सवाल के जवाब में कहा, ‘1267 समिति में सूचीबद्ध करने के प्रश्न पर मैं कई बार चीन का रुख प्रकट कर चुका हूं.’

क्‍या करेगा भारत

सूत्रों के मुताबिक अगर चीन इस बार भी मसूद अजहर और उसके आतंकी संगठन को प्रतिबंधित करवाने के रास्‍ते में रोड़े अटकायेगा जो भारत अपने स्‍तर से इनपर कार्रवाई करेगा. भारत ने चीन के फैसले के बाद किये जाने वाली कार्रवाई पहले से ही तय कर रखी है. भारत कई दूसरे आतंकियों जैसे मसूद अजहर के भाई, अब्दुल रउफ असगर, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कुछ और आतंकियों पर बैन लगाने का प्रस्ताव रख सकता है. हालांकि इसी साल नवंबर में भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीन के रक्षा सलाहकर यांग जिएची के बीच हुई बैठक में चीन ने यह साफ कर दिया था कि व मसूद अजहर पर अपना फैसले बदलने वाला नहीं है.

हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किये गये बयान में कहा गया था कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते आतंकवाद को लेकर गंभीर हैं. भारत चीन को इसी बयान पर घेरने की तैयारी में हैं. अगर चीन मसूद पर प्रतिबंध का विरोध करता है तो भारत इसे आतंवाद को पोषण देने वाला कदम साबित करने का प्रयास करेगा और चीन को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर नुकसान उठाना पड़ सकता है. चीन-पाकिस्‍तान आर्थिक गलियारे पर भी चीन को भारत के साथ की दरकार होगी.

चीन को नये साल में भारत के साथ बेहतर संबंध की उम्मीद

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने खत्म हो रहे साल के बीजिंग के अनुभव तथा चीन-भारत के संबंधों के संदर्भ में अगले साल के दृष्टिकोण के बारे में कहा, ‘विकास के लिए दोनों देशों के अधिक निकटता वाली भागीदारी की ओर बढ़ने के लक्ष्य के साथ इस साल, चीन-भारत के संबंधों में नियमित सुधार हुआ.’ जी-20 और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच विभिन्न बैठकों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के नेतृत्व ने नियमित संपर्क कायम रखा है.’ उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर एक व्यवस्थित तरीके से वार्ता एवं विमर्श हो रहा है तथा विभिन्न क्षेत्रों में नियमित तौर पर व्यावहारिक सहयोग रहा है.

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